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70 वर्ष पुराने जर्जर डाक बंगले में चल रहा है स्कूल, 56 वर्षों से नसीब नहीं हुआ भवन

हिमाचल के सरकाघाट में 56 वर्षों से इस स्‍कूल को अपना भवन नसीब नहीं हुआ ये स्‍कूल अब 70 वर्ष पुराने एक डाक बंगले में चलाया जा रहा है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 09:06 AM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 09:06 AM (IST)
70 वर्ष पुराने जर्जर डाक बंगले में चल रहा है स्कूल, 56 वर्षों से नसीब नहीं हुआ भवन

सरकाघाट, भुताशन शर्मा। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या विद्यालय सरकाघाट को 56 वर्षों से अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है। स्कूल मंडी रियासत के समय बनाए गए डाक बंगले में चल रहा है। यह भवन करीब 70 वर्ष पुराना है जो अब जर्जर हालत में है। 1963 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री  ठाकुर कर्म सिंह ने सरकाघाट में कन्याओं के लिए अलग से मिडल स्कूल खोला था। उस दौरान इसे बाजार में एक सराय में लगभग 12 वर्षों तक चलाया गया। जब स्कूल का दर्जा बढ़ाया तो इसे बाजार से एक किलोमीटर दूर ऊंची चोटी पर बने डाक बंगले में शिफ्ट कर दिया गया। तब से यह स्कूल पुराने जर्जर भवन में चल रहा है। हालांकि फरवरी 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र्र सिंह ने यहां नए भवन की आधारशिला रखी और भवन निर्माण के लिए एक करोड़ 34 लाख रुपये बजट का प्रावधान भी किया। निर्माण कार्य का जिम्मा हिमुडा को सौंपा गया। 

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सत्ता परिवर्तन के बाद निर्माण कार्य

ठंडे बस्ते में पड़ गया। हिमुडा ने यह कहकर निर्माण करने से हाथ खींच लिया कि जितना पैसा उनके पास जमा करवाया गया था उससे उन्होंने भवन की तीन मंजिलें खड़ी कर दी हैं और निर्माण कार्य पूरा करने के लिए अतिरिक्त 50 लाख रुपये की जरूरत है। यह राशि शिक्षा विभाग ने जारी नहीं की है। शिक्षा विभाग द्वारा केवल सा लाख रुपये की स्वीकृति मिली है। शिक्षा विभाग और हिमुडा की आपसी खींचतान का खमियाजा स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को उठाना पड़ रहा है। छात्राएं 70 वर्ष पुराने जर्जर भवन में पढ़ रही हैं।

अभिभावक रमेश चंद्र, हरिराम, नानक  चंद, कांशीराम, विनय कुमार, भीम सिंह प्रेमलता, कांता देवी आदि कहना है कि वे अपने बच्चों को ऐसे स्कूल में नहीं पढ़ा सकते जहां पर उनके बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है। उधर, हिमुडा के सहायक अभियंता राकेश चौहान ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित राशि की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं और धन उपलब्ध होते ही निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा। वहीं, उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने बताया कि मामला उनके ध्यान में नहीं था। यदि अतिरिक्त धन देने का प्रस्ताव उनके पास आया तो वह तत्काल राशि जारी कर देंगे।

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