वार में कम, घर पर ले रहे मौसमी का आनंद
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोग अपने घर में ही मौसमी जूस का आनंद ले रहे हैं। लॉकडाउन के बाद अब जूस वार भी खुल चुके हैं। चौराहों व स्वास्थ्य संस्थानों के बाहर लगने वाली जूस की रेहड़ियां बंद पड़ी है। जूस वार में बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोग जूस वार में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। लोग दुकानों या फिर सब्जी मंडी से मौसमी खरीद घर में जूस निकाल
जागरण संवाददाता, मंडी : रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोग घर में ही मौसमी जूस का आनंद ले रहे हैं। हालांकि अब जूस वार भी खुल चुके हैं पर चौराहों व स्वास्थ्य संस्थानों के बाहर लगने वाली जूस की रेहड़ियां बंद पड़ी हैं।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोग जूस वार में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। लोग दुकानों या फिर सब्जी मंडी से मौसमी खरीद घर में जूस निकाल कर पी रहे हैं। मार्केट में हर जगह मौसमी उपलब्ध है। केले के साथ मौसमी की खेप महाराष्ट्र व गुजरात से आ रही है। कोरोना काल में मौसमी की मांग जरूर बढ़ी है, मगर दाम में उछाल नहीं आया है। थोक मार्केट में मौसमी 45 रुपये व परचून में 55 से 60 रुपये प्रति किलो बिक रही है। गर्मी में हर साल मौसमी का अकसर यही दाम रहता है। सर्दी में दाम घटकर आधे रह जाते हैं। महाराष्ट्र से बोरी में 10 व 40 किलो की पैकिग में मौसमी आ रही है। खट्टे फलों की श्रेणी में आने के कारण मौसमी विटामिन सी का भंडार है। मौसमी कफ को पतला करके बाहर निकालती है और नाक व छाती में अवरोध को दूर करती है।
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कर्फ्यू के चलते जूस वार करीब दो माह से बंद थे। दो दिन पहले ही दुकान दोबारा खोली है। दुकान के अंदर किसी को बिठा नहीं सकते। पैकिग करवाने भी लोग कम ही आ रहे हैं। दाम पिछले साल की तरह ही हैं।
-हेत सिंह, जूस वार संचालक इंदिरा मार्केट मंडी
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कोरोना काल में मौसमी की मांग जरूर बढ़ी है मगर दाम में कोई इजाफा नहीं हुआ है। महाराष्ट्र व गुजरात से मौसमी की सप्लाई आ रही है। दस किलो की बोरी थोक मार्केट में 400 से 450 रुपये तक बिक रही है।
-डीआर सैनी, सैनी फ्रूट्स कंपनी धनोटू सुंदरनगर