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ऑनलाइन टीचिंग पर हुआ सर्वे, विद्यार्थियों का है मानना ऑनलाइन शिक्षा क्‍लास रूम शिक्षा का नहीं विकल्‍प

कोरोना काल में लगे लॉकडाउन से पूरे देश की व्यवस्था चरमरा गयी है। ऐसे में शिक्षा व्यवस्था को कायम रखने के लिए टेक्नोलॉजी ने बड़ी अहम भूमिका निभाई है। विपरीत परिस्थितियों में भी राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन शिक्षा को अपनाया है।

By Richa RanaEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 12:42 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 12:58 PM (IST)
ऑनलाइन टीचिंग पर हुआ सर्वे, विद्यार्थियों का है मानना ऑनलाइन शिक्षा क्‍लास रूम शिक्षा का नहीं विकल्‍प
कोरोनाकाल में शिक्षा व्‍यवस्‍था को कायम रखने में टेक्‍नोलॉजी की अहम भूमिका।

मंडी, जेएनएन। कोरोना काल में लगे लॉकडाउन से पूरे देश की व्यवस्था चरमरा गयी है। ऐसे में शिक्षा व्यवस्था को कायम रखने के लिए टेक्नोलॉजी ने बड़ी अहम भूमिका निभाई है। विपरीत परिस्थितियों में भी राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन शिक्षा को अपनाया है। जहाँ तक मेडिकल कॉलेज की बात है वहां पर विद्यार्थियों को थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल तथा क्लीनिकल शिक्षा देना अनिवार्य है।

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श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल कॉलेज नेरचौक, जिला मंडी,के एनाटॉमी विभाग के डॉ. पंकज सोनी द्वारा एमबीबीएस एवं नर्सिंग कॉलेज के अभ्यर्थियों पर किए गए ऑनलाइन सर्वे में कई आंकड़े सामने आए हैं । रिपोर्ट में यह दर्शाया गया है कि 90% विद्यार्थियों ने ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को अपनाया है। सभी का मानना है कि सप्ताह में 15 घंटे की क्लासेस प्रदान की गई। अधिकतम विद्यार्थियों का यह मानना है कि ऑनलाइन प्रणाली थ्योरी एवं प्रैक्टिकल की उचित शिक्षा प्रदान नहीं कर सकती। इस सर्वे में ऑनलाइन टीचिंग पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे गए थे जिसमे अधिकतम विद्यार्थियों का मानना है कि ऑनलाइन प्रणाली क्लास रूम टीचिंग से बेहतर नहीं है। सर्वे में ये भी सामने आया कि शिक्षकों ने विद्यार्थियों के भविष्य और कीमती समय को ध्यान में रखते हुए इस प्रणाली को अपनाया और अपना सर्वोच्च देने की कोशिश की है परंतु प्रैक्टिकल या क्लीनिकल ज्ञान ऑनलाइन टीचिंग से संभव नहीं है।

 

शिक्षकों द्वारा दिए गए ऑनलाइन लेक्चर विद्यार्थियों के लिए बहुत सहायक रहे। एमबीबीएस स्टूडेंट्स का मानना है कि प्रैक्टिकल नॉलेज ऑनलाइन टीचिंग में अच्छे से नहीं हो पा रहा है। डॉक्टर पंकज सोनी ने कहा कि यह सर्वे दर्शाता है कि मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों ने कोरोना के समय में एमबीबीएस और नर्सिंग के छात्रों को अपना बेहतर देने की कोशिश की है और भविष्य में भी इसी तरह अपना सर्वोच्च देते रहेंगे। उन्होंने श्री लाल बहादुर शास्त्री सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रधानचार्य डॉक्‍टर आरसी ठाकुर, अनॉटमी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर सुशीला राणा एवं नर्सिंग कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉक्‍टर वंदना द्वारा किय गए मार्गदर्शन एवं सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।


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