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क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में नहीं हो रहे प्रसव

नल अस्पताल मंडी में स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी मरीजों पर भारी पड़ रही है। यहां पिछले करीब एक माह से स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं है। ऐसे में प्रसव के अधिकतर मामले लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज रेफर किए जा रहे हैं। हालांकि अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं और सामान्य प्रसव हो रहे हैं लेकिन थोड़ी से कंपलीकेशन पर

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 03:44 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 03:44 PM (IST)
क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में नहीं हो रहे प्रसव

संवाद सहयोगी, मंडी : जोनल अस्पताल मंडी में महिला मरीजों की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां पिछले करीब एक माह से स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं है। ऐसे में प्रसव के अधिकतर मामले लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज रेफर किए जा रहे हैं। हालांकि अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं और सामान्य प्रसव हो रहे हैं, लेकिन थोड़ी सी दिक्कत पर मरीज सीधे नेरचौक मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा है। प्रसव मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशिक्षु डॉक्टर किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं।

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जिले के सबसे बड़े क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में स्त्री रोग विशेषज्ञ के छह पद स्वीकृत हैं। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में ओपीडी शुरू होने से पहले यहां तीन से चार पद भरे हुए थे, लेकिन जब मेडिकल कॉलेज शुरू हुआ है तो यहां सिर्फ डॉ. कपिल मल्होत्रा ही रह गए। वह अकेले ही ओपीडी संभालने के साथ साथ प्रसव व अन्य ऑपरेशन भी करते थे। 18 फरवरी को हृदयाघात से उनका देहांत हो गया। इसके बाद अस्पताल खाली हो गया। एकाएक ओपीडी कम हो गई। जहां पहले हर रोज 250 से 300 ओपीडी रहती थी। मौजूदा समय में 100 मरीज भी यहां इलाज के लिए नहीं पहुंचते हैं। इसके अलावा प्रसव करवाने के लिए भी महिलाओं को नेरचौक की दौड़ लगानी पड़ रही है। इससे उन्हें काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है।

हैरानी की बात है कि इतना बड़ा अस्पताल बिना स्त्री रोग विशेषज्ञ के ही चल रहा है। एक माह बाद भी नए स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं हुई। इससे सरकार के मरीजों को घरद्वार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं। जोनल अस्पताल से नेरचौक मेडिकल कॉलेज 15 किलोमीटर दूर है। मरीज को 25 रुपये एकतरफा किराया खर्च कर मेडिकल कॉलेज पहुंचना पड़ रहा है। वहीं समय की भी बर्बादी हो रही है।

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मंडी अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञों के खाली पदों के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है। जल्द यहां नए स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती कर दी जाएगी।

डॉ. जीवानंद चौहान, मुख्य, चिकित्सा अधिकारी, मंडी।

मरीजों की संख्या में दिखा असर

क्षेत्रीय अस्पताल में पहले गर्भवती व प्रसूता महिलाओं को बिस्तर नसीब नहीं होते थे। मरीजों की इतनी भीड़ रहती थी कि एक बिस्तर पर तीन-तीन मरीजों को लिटाया जाता रहा लेकिन मौजूदा समय में मरीज ही नहीं आ रहे। अस्पताल में अधिकतर बेड खाली पड़े हुए हैं।


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