अपराध के खिलाफ अब ज्यादा मुखर हुई महिलाएं : गुरदेव शर्मा
महिला अगर सुरक्षित होंगी तो वह बेझिझक होकर घर से बाहर निकल अपना काम कर पाएगी। इससे उनका सशक्तिकरण होगा। महिला जनप्रतिनिधियों के लिए मंडी में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के उदघाटन मौके पर पुलिस अधीक्षक मंडी गुरूदेव शर्मा ने कहा कि यह महसूस किया गया है कि पिछले कुछ समय में महिलाओं के प्रति अपराध बढ़े हैं। इसका एक कारण है कि अब अपराधों के प्रति महिलाएं मुखर हुई हैं। पहले जो मामले दब जाते थे, अब उजागर होने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, मंडी : महिला अगर सुरक्षित होगी तो वह बेझिझक होकर घर से बाहर निकलकर अपना काम कर पाएगी। इससे उनका सशक्तीकरण होगा। महिला पंचायत प्रतिनिधियों के लिए मंडी में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन मौके पर पुलिस अधीक्षक मंडी गुरुदेव शर्मा ने कहा कि यह महसूस किया गया है कि कुछ समय में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं। इसका एक कारण है कि यह भी है कि अपराधों के खिलाफ महिलाएं मुखर हुई हैं। पहले जो मामले दब जाते थे, अब उजागर होने लगे हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ने से पुलिस में महिलाओं की संख्या बढ़ाई गई है। अभी पुलिस विभाग में 12 प्रतिशत महिलाएं हैं। लक्ष्य 33 प्रतिशत का रखा गया है। उन्होंने महिला प्रधानों को सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी भी दी। नशे के खिलाफ भी सामाजिक दबाव बनाने पर बल दिया।
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नौ जिलों की प्रतिनिधि ले रही हैं भाग
राज्य ज्ञान-विज्ञान केंद्र शिमला और पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में प्रदेश की नौ जिलों की महिला पंचायत प्रतिनिधि तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रही हैं। शिमला, सोलन और मंडी के लिए 16 से18, कुल्लू, बिलासपुर, सिरमौर 19 से 21 और ऊना, कांगड़ा और सोलन के लिए 22 से 24 तक प्रशिक्षण शिविर होंगे। चंबा और लाहुल-स्पीति में पहले ही प्रशिक्षण शिविर आयोजित हो चुके हैं। मंडी जिला के लिए आयोजत प्रशिक्षण में सभी खंडों की चिह्नित पंचायतों की महिला प्रधान हिस्सा ले रही हैं। कार्यशाला में शिमला से आए स्रोत व्यक्ति और हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति के राज्य सचिव जीयानंद शर्मा ने प्रशिक्षण शिविर के उद्देश्यों से प्रतिभागियों को अवगत करवाया। इस प्रशिक्षण के माध्यम से महिला प्रतिनिधियों को सशक्त करते हुए उन्हें अपने पद और कार्य में स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम बनाना है। स्त्रोत व्यक्ति जुगराज ठाकुर ने महिला जनप्रतिनिधियों को पंचायत में होने वाले निर्माण कार्यों के बारे में जानकारी दी। पंचायत में किए जा रहे निर्माण के लिए किस तरह से रिकॉर्ड, लेखा-जोखा और पारदर्शिता रखने की जरूरत है। अगर काम में पारदर्शिता रहेगी तो किसी भी काम करने की झिझक नहीं होगी और न ही काम को करने में घबराने की जरूरत है। पंचायत में बैठे पुरुष या घर के पुरुष सदस्य अब भी महिला प्रतिनिधियों के कामकज में हस्तक्षेप करते हैं। ज्ञान और जानकारी ही महिलाओं को स्वतंत्र निर्णय लेने की ताकत दे सकते हैं। इसके लिए महिलाओं को अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। अभी महिला जनप्रतिनिधिओं का मुकाबला ऐसे समाज से है जो उनका पक्षधर नहीं है। इसलिए महिलाओं को उस समाज का मुकाबला करने के लिए तैयार होना होगा।