निर्माणाधीन प्रोजेक्ट की सुरंग व पावर हाउस में घुसा पानी
छोटा भंगाल घाटी में कहर बरपा रही है। छोटा भंगाल घाटी में निर्माणाधिन 25 मेगावाट केयू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट लंबाडग के मुख्य स्थल छेरना में ट्रंचवीयर में लंबाडग नदी का पानी सुरंग के अंदर घुस गया है। लंबाडग स्थान पर निर्माणाधीन पावर हाउस के कार्य स्थल पर भी पानी घुसने के कारण यहां निर्माण कार्य पूरी तरह ठप पड़ गया है। पावर हाउस निर्माण के लिए एकत्रित की हुई रेत बजरी सरिया तथा अन्य सामान व मशीनरी भी बह गई है। लोहारडी से छेरना तक प्रोजेक्ट के निर्माण
सहयोगी, बरोट : बारिश से छोटा भंगाल घाटी में निर्माणाधिन 25 मेगावाट केयू हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट लंबाडग के मुख्य स्थल छेरना के ट्रंचवीयर में नदी का पानी सुरंग के अंदर घुस गया है। वहीं निर्माण के लिए एकत्रित रेत, बजरी, सरिया व मशीनरी बह गई है। लोहारड़ी से छेरना तक बनाई गई तीन किलोमीटर सड़क का एक बड़ा भाग लंबाडग नदी में समा गया है। वहीं लोहारड़ी बाजार में लंबाडग नदी के किनारे बनाई करीब 50 फीट लंबी सुरक्षा दीवार भी बह गई है। इससे लोहारडी बाजार में कई दुकानों के अंदर पानी घुस गया है। राजेंद्र कुमार, राजकुमार, प्रेम ¨सह, अनिल कुमार का घराट भी डूब गया है। वहीं ऊहल नदी में बाढ़ आने से पंजाब राज्य बिजली बोर्ड की ओर से ऊहल व लंबाडग नदी के किनारे बनाई सुरक्षा दीवारें टूट गई हैं। नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए शानन विद्युत प्रोजेक्ट के आठ गेटों को खोल दिया गया है। शानन प्रोजेक्ट के बरोट में कार्यरत फोरमैन सिविल ओमप्रकाश ने बताया कि बरोट रेजरवायर से पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है। बरोट-दमियोट सड़क पर भूस्खलन से यातायात बंद हो गया है। दोनों घाटियों के निचले क्षेत्र में बारिश व ऊंची पर्वतमालाओं सहित थमसर, ढुंढणी धार, डेहनसर, लोलर स्थानों पर बर्फबारी का सिलसिला तीसरे दिन भी जारी रहा। प्रोजेक्ट प्रबंधक अशोक खत्री ने बताया कि बाढ़ से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।