'ट्यूशन फीस से सभी शिक्षकों का वेतन नहीं दे सकते'
निजी स्कूलों द्वारा फीस न लेने पर प्रदेश निजी स्कूल एसोसिएशन ने विरोध जताया है। एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्री के बयान की कड़ी निदा की है। इस बयान में निजी स्कूल संचालकों को जेल भेजने की बात कही गई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि शिक्षा मंत्री अपने ब्यान को वापस ले। एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष केपी शर्मा ने कहा कि निजी स्कूल संचालक कोई अपराधी नहीं हैं। निजी स्कूल सरकार के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन कर रहे हैं। सरकार को निजी स्कूलों की स्थिति को भी
सहयोगी, नेरचौक : निजी स्कूलों द्वारा फीस न लेने के आदेश का प्रदेश निजी स्कूल एसोसिएशन ने विरोध किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि शिक्षा मंत्री बयान वापस लें।
एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष केपी शर्मा ने कहा कि सरकार को निजी स्कूलों की स्थिति को भी समझना चाहिए। ट्यूशन फीस से सभी अध्यापकों का वेतन नहीं दिया जा सकता। शिक्षा मंत्री लगातार फीस के मामले पर अलग बयान दे रहे हैं।
------------- संवाद सहयोगी, कुल्लू : कुल्लू में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए निजी स्कूल एसोसिएशन की बैठक अध्यक्ष पूर्ण चंद की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों की फीस की पूरी जानकारी बोर्ड और विभाग को कई बार दी जाती है। निजी स्कूलों के बारे जो अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं इसका कड़ा विरोध करते हैं। लगता है कि निजी स्कूलों के हजारों शिक्षकों को बेरोजगार करने पर तुले हैं। प्रदेश में निजी स्कूलों के संचालकों में ऐसी नीतियों को लेकर भारी रोष है। सभी जिलों में रणनीति बनाई जा रही है। कोरोना संकट के बाद निजी अध्यापक और स्कूल संचालक विधानसभा का घेराव करेंगे। यदि इसमें बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होगा तो सीधे तौर पर सरकार और मंत्री जिम्मेदार होंगे।
पाठशाला में बैठने की सुविधाएं, सुरक्षा के लिए कैमरे, सुरक्षित भवन का किराया, पानी और बिजली की उपलब्धता, सैनिटरी नैपकिन मशीन, बसों के टैक्स, बीमा और बैंकों की किस्तें, बसों में जीपीएस और कैमरे, खेलकूद, कंप्यूटर, योग, संगीत, परीक्षाएं आदि खर्चे यदि नहीं दिए जाएंगे तो स्कूल बंद हो जाएंगे। यह ट्यूशन फीस से संभव नहीं है।