वाटर कंडक्टर सिस्टम का परीक्षण सफल
उहल तृतीय पन विद्युत प्रोजेक्ट में सौ मेगावॉट विद्युत उत्पादन शुरू करने के लिए दो किलोमीटर लंबे वाटर कंडक्टर सिस्टम का भी परीक्षण सफल रहा है।
संवाद सहयोगी, जोगेंद्रनगर : ऊहल तृतीय विद्युत प्रोजेक्ट में सौ मेगावॉट विद्युत उत्पादन शुरू करने के लिए दो किलोमीटर लंबे वाटर कंडक्टर सिस्टम का भी परीक्षण सफल रहा है। शुक्रवार को परियोजना की करीब नौ किलोमीटर लंबी पैन स्टॉक पर जलभराव का कार्य शुरू होगा। 1.50 लाख क्यूबिक मीटर की क्षमता वाली टनल के जलभराव के लिए करीब 18 दिन का समय लग सकता है। इसके बाद खुद्दर स्थित एक लाख 76 हजार क्यूसेक मीटर क्षमता की परियोजना की रेजर वायर में जलभराव का कार्य शुरू होगा।
मार्च के पहले सप्ताह से परियोजना की पहली मशीन में विद्युत उत्पादन शुरू होगा और मार्च के आखिरी सप्ताह तक परियोजना की तीनों मशीनों में 100 मेगावॉट विद्युत उत्पादन शुरू होगा। व्यास वैली कॉर्पोरेशन के प्रबंधनिदेशक दिनेश चौधरी ने कहा कि परियोजना में पहले हाइड्रो स्टेटिक टेस्ट के बाद विद्युत उत्पादन का रास्ता साफ हो चुका था, जबकि रणा खड्ड से टनल तक दो किलोमीटर वाटर कंडक्टर सिस्टम में भी कामयाबी मिली है और मार्च में विद्युत उत्पादन की तैयारी शुरू हो चुकी है। औसतन 30 लाख प्रतिदिन के हिसाब से सालाना 118 करोड़ रुपये की आमदनी ऊहल तृतीय पन विद्युत परियोजना से होगी।
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मुख्यमंत्री कर सकते हैं परियोजना का उद्घाटन
वर्ष 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने परियोजना का शिलान्यास किया था। 431 करोड़ की अनुमानित निर्माण की परियोजना 1700 करोड़ की लागत तक पहुंच चुकी है। इसका विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हाथों संपन्न हो सकता है।
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ऊहल तृतीय परियोजना के पैन स्टॉक का हाइड्रो स्टेटिक टेस्ट के सफल परीक्षण के बाद वीरवार को वाटर कंडक्टर सिस्टम के सभी परीक्षण सफल रहे। शुक्रवार से टनल में जलभराव शुरू होगा और मार्च में 33.3 मेगावॉट की तीन मशीनों में एक साथ सौ मेगावॉट विद्युत उत्पादन शुरू होने से सालाना 118 करोड़ रुपये की आमदनी सरकार को होगी।
-दिनेश चौधरी, प्रबंध निदेशक, ऊहल तृतीय पन विद्युत परियोजना जोगेंद्रनगर।