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IIT Mandi: अब घरेलू रोशनी के स्रोतों से बनेगी बिजली, आसानी से चार्ज हो सकेंगे मोबाइल फोन व उपकरण

IIT Mandi अब घरेलू रोशनी के स्रोतों से बिजली बनेगी। सीएफएल व एलईडी बल्ब रोशनी के साथ बिजली उत्पादन का काम भी करेंगे। देश के हर घर में सीएफएल व एलईडी बल्ब का प्रयोग होता है। इससे मोबाइल फोनघरेलू व सेंसर आधारित उपकरण आसानी से चार्ज होंगे।

By Jagran NewsEdited By: Virender KumarPublished: Wed, 30 Nov 2022 09:38 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 09:38 PM (IST)
IIT Mandi: अब घरेलू रोशनी के स्रोतों से बनेगी बिजली, आसानी से चार्ज हो सकेंगे मोबाइल फोन व उपकरण
IIT Mandi: अब घरेलू रोशनी के स्रोतों से बनेगी बिजली, आसानी से चार्ज हो सकेंगे मोबाइल फोन व उपकरण।

मंडी, जागरण संवाददाता। IIT Mandi, अब घरेलू रोशनी के स्रोतों से बिजली बनेगी। सीएफएल व एलईडी बल्ब रोशनी के साथ बिजली उत्पादन का काम भी करेंगे। देश के हर घर में सीएफएल व एलईडी बल्ब का प्रयोग होता है। इससे मोबाइल फोन,घरेलू व सेंसर आधारित उपकरण आसानी से चार्ज होंगे। पर्यावरण के लिए यह एक सुरक्षित विकल्प होगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के शोधार्थियों ने फोटोवोल्टिक सामग्री विकसित की है। यह सामग्री एलईडी या सीएफएल की रोशनी की किरणों से बिजली उत्पन्न करेगी।

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शोध के निष्कर्ष अमेरिका की सोलर एनर्जी पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। आइआइटी मंडी के डा. रणवीर सिंह व डा. सतिंदर कुमार शर्मा ने राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (एनआइएसइ) गुरुग्राम के डा. विक्रांत शर्मा, गौतम बुद्ध नगर विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा के डा. विवेक कुमार शुक्ला और नार्थ टेक्सास विश्वविद्यालय डेंटन, अमेरिका के मृत्युंजय पराशर के साथ मिल कर शोध पर काम किया है।

सीमित समय तक काम करती है बैटरी

दुनिया में प्रौद्योगिकी का चलन तेजी से बढ़ रहा है। मोबाइल फोन, स्मार्ट होम व अन्य उपकरणों में इंटरनेट आफ थिंग्स (आइओटी) डिवाइस का प्रयोग हो रहा है। इसके लिए विभिन्न प्रकार के रियल टाइम डाटा चाहिए। आइओटी डिवाइस बिजली आपूर्ति के लिए विद्युत ग्रिड पर निर्भर रहते हैं। वर्तमान में ऐसे डिवाइस को बिजली आपूर्ति प्राइमरी व सेकेंडरी बैटरी से होती है। बैटरी चाहे किसी प्रकार की हो, सभी एक सीमित समय के बाद काम बंद कर देती हैं। यह महंगी व पर्यावरण के लिए सुरक्षित नहीं है।

सोलर पावर विकल्प नहीं

आइओटी डिवाइस को ऊर्जा देने के लिए प्रकाश से काम करने वाले पावर जेनरेटरों के बेहतर विकल्प बनने की संभावना दिख रही है। सोलर सेल सूरज की रोशनी से बिजली पैदा करते हैं। आइओटी डिवाइस का प्रयोग घर के अंदर होता है। सौर ऊर्जा विकल्प नहीं हो सकता है। घर के अंदर मौजूद रोशनी के स्रोत से रोशनी प्राप्त करने की विधियां ढूंढना कारगर विकल्प होगा।

नए पेरोवस्काइट सामग्री का पता लगाया

कई संस्थानों की टीम ने मिलकर थिन फिल्म फोटोवोल्टिक सेल विकसित किया है। यह सेल किसी प्रकार के प्रकाश से ऊर्जा पैदा कर सकते हैं। यह सेल्स पेरोवस्काइट्स पर आधारित हैं, जो सूरज की रोशनी ग्रहण कर उससे ऊर्जा पैदा करने में सक्षम एक क्रिस्टल फैमिली है। सौर ऊर्जा पैदा करने के लिए लंबे समय से पेरोवस्काइट्स पर शोध किया जा रहा है। शोधार्थियों की टीम नए पेरोवस्काइट सामग्री का पता लगाने में कामयाब रही है। इसके प्रयोग से केवल सूर्य की रोशनी नहीं बल्कि घर के अंदर के कृत्रिम प्रकाश के माध्यम से ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।

इस तरह विकसित की सामग्री

शोधार्थियों ले मिथाइलअमोनियम लेड आयोडाइड (एमएपीबीआइ3) पेरोवस्काइट्स सामग्री में फार्फेमिडीनियम (एफए प्लस) रसायन का समावेश कर फोटोएक्टिव क्वैसी.क्यूबिक स्ट्रक्चर्ड पेरोवस्काइट सामग्री का सिंथेसिस किया है। पेरोवस्काइट्स के प्रकाश अवशोषण, मार्फोलाजी, चार्ज ट्रांसपोर्ट व इलेक्ट्रान ट्रेप स्टेट्स का परीक्षण किया है। घर के अंदर की रोशनी में डिवाइस की भौतिकी को विस्तार से देखा गया है। फैब्रिकेशन से तैयार सामग्री ने घर के अंदर की रोशनी में 34.07 प्रतिशत फोटोइलेक्ट्रिक कन्वर्जन क्षमता का प्रदर्शन किया। निकट भविष्य में घर के अंदर की रोशनी से ऊर्जा प्राप्त करने का चलन तेजी से बढ़ेगा, क्योंकि स्वास्थ्य पर निगरानी रखने वाले एप्लीकेशन, स्मार्ट होम, लाजिस्टिक्स व स्मार्ट डिवाइस का प्रयोग बहुत तेजी से बढ़ रहा है।


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