चार माह से नहीं मिली पगार, अब नौकरी पर लटकी तलवार
कीतरपुर-नागचला फोरलेन का काम कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी ने 50 कर्मियों को नोटिस थमा दिए हैं।
जागरण संवाददाता, मंडी : कीतरपुर-नागचला फोरलेन का काम कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी ने 50 से अधिक कामगारों को नौकरी से निकालने का नोटिस थमा दिया है। कंस्ट्रक्शन कंपनी के इस कदम से कामगारों में हड़कंप है। 100 के करीब कर्मचारियों को कंपनी पहले ही नौकरी से निकाल चुकी है। फोरलेन का काम छोड़ने के बाद अब कंपनी एक-एक कर कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रही है। चार माह से किसी कर्मचारी को पगार नहीं मिली है। अब नौकरी पर तलवार लटक गई है। इस कदम से सहमे कर्मचारियों ने शुक्रवार को एक आपात बैठक कर आइएलएंडएफ कंपनी प्रबंधन पर श्रम नियमों की अवहेलना करने का आरोप लगाया है।
कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से न्याय की गुहार लगाई है। श्रम आयुक्त को पत्र भेजकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। आइएलएंडएफ कंपनी ने 200 से अधिक हिमाचली लोगों को करीब दो साल पहले रोजगार दिया था। इसमें सफाई कर्मी से लेकर इंजीनियर तक शामिल हैं। आइएलएंडएफ व उसकी कई सहयोगी कंपनियां वित्तीय संकट से जूझ रही हैं। पैसे के अभाव में कंपनी ने फोरलेन का निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद कर दिया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को काम न करने का नोटिस दे रखा है। कंपनी पर 80 करोड़ से अधिक की देनदारी है।
कंपनी के अधिकारी कर्मचारियों को नोटिस देकर हिसाब-किताब करने को कार्यालय में बुला रहे हैं। कर्मचारियों से फाइनल हिसाब का ब्योरा मांगा जा रहा है। पत्र लेने के बाद उन्हें बैंक खाते में पैसे डालने की बात कहकर घर भेजा जा रहा है। कर्मचारियों की दलील है कि नोटिस देने से पहले उनका पूरा हिसाब-किताब किया जाए, उन्हें कंपनी के किसी दूसरे प्रोजेक्ट में समायोजित किया जाए। अगर ऐसा संभव नहीं है तो जो कंपनी फोरलेन का बाकी काम करेगी। उसके पास नौकरी पर रखने का लिखित समझौता किया जाए। आइएलएंडएफ कंपनी के अधिकारी इस बात के लिए तैयार नहीं हो रहे।
----- वित्तीय संकट व एनएचएआइ के गलत फैसलों की वजह से कीरतपुर-नागचला फोरलेन के काम से कंपनी ने अपने हाथ खींचे हैं। काम न होने की वजह से इतने कर्मचारियों को नौकरी पर रख पाना संभव नहीं है।
-निशांत श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक, आइएलएंडएफ कंपनी।