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फोरलेन बना नहीं, एनएच हुआ खड्ड से बदतर

पठानकोट मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन में तबदील करना तो दूर सरकार वर्तमान मार्ग की की दयनीय हालत सुधारने को भी संजीदा नही है। विभागीय लापरवाही से मार्ग खस्ताहाल हो चुका है। आलम यह है कि सड़क के किनारे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इससे आए दिन सड़क हादसों में लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। छोटे चार पहिया वाहनों के भी कलपुर्जों का नुकसान हो रहा है। खस्ताहाल मार्ग को लेकर क्षेत्र के युवा लामबंद हो गए हैं। लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों को मतदाताओं का गुस्सा झेलना पड़ सकता है। युवा मतदाताओं ने प्रत्याशियों को घेरने का पूरा मन बनाया है। 2014 में केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार के सत्ता में आते ही इस राजमार्ग को फोरलेन बनाए जाने की कवायद शुरू हुई थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 24 फरवरी को

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 Mar 2019 08:43 AM (IST)Updated: Sun, 31 Mar 2019 08:43 AM (IST)
फोरलेन बना नहीं, एनएच हुआ खड्ड से बदतर
फोरलेन बना नहीं, एनएच हुआ खड्ड से बदतर

आशीष भोज, पद्धर

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पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन में तबदील करना तो दूर, सरकार वर्तमान मार्ग की दयनीय हालत सुधारने के लिए भी गंभीर नहीं है। विभागीय लापरवाही से मार्ग खस्ताहाल हो चुका है। आलम यह है कि सड़क के किनारे लगे डंगे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इससे आए दिन सड़क हादसों में लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। चार पहिया वाहनों के भी कलपुर्जों का नुकसान हो रहा है। खस्ताहाल मार्ग को लेकर क्षेत्र के युवा लामबंद हो गए हैं। लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों को मतदाताओं का गुस्सा झेलना पड़ सकता है। युवा मतदाताओं ने प्रत्याशियों को घेरने का पूरा मन बनाया है। 2014 में केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार के सत्ता में आते ही इस राजमार्ग को फोरलेन बनाए जाने की कवायद शुरू हुई थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 24 फरवरी को चक्की पुल से सिंहुण तक 37 किलोमीटर प्रथम चरण में फोरलेन की आधारशिला रखी है। केंद्र सरकार ने सड़क के कुछ हिस्से को छोड़कर अब तक न तो शिलान्यास किया और न ही फोरलेन निर्माण के लिए कोई बजट का प्रावधान किया है।

लोकसभा चुनाव के चलते अब सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सैन्य मार्ग मंडी-पठानकोट फोरलेन निर्माण का लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। मंडी-पठानकोट फोरलेन बनने की चर्चाओं ने लोगों के हाथों को व्यापारिक संस्थान निर्माण करने, आवास बनाने को लंबे समय से रोक कर रखा है। कुछ दिन पहले राजस्व मुहाल नारला से मंडी तक लगभग 30 किलोमीटर दायरे की भू-अधिग्रहण सूची ही अथॉरिटी की ओर से वेबसाइट पर डाली है। फोरलेन की शेष सूची का लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में जहां फोरलेन की जद में आने वाले लोगों में भी केंद्र सरकार के प्रति भारी रोष है। खस्ताहाल हो चुके सड़क के वर्म से आए रोज वाहन चालकों को परेशान होना पड़ रहा है। पठानकोट-मंडी एनएच पर जोगेंद्रनगर से मंडी तक सड़क की हालत खस्ता है। यहां कई प्वाइंट बड़े संवेदनशील हैं। मंडी से लेकर जोगेंद्रनगर तक इस हाईवे पर कई दर्दनाक घटनाएं अब तक घट चुकी हैं।

नेशनल हाइवे में घटासनी से लेकर तालगहर तक करीब चार किलोमीटर के एरिया में सड़क किनारे दोनों तरफ के वर्म पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। जहां एक से डेढ़ फुट तक गहरी खाई कई जगह बनी हुई है। बड़े वाहनों को पास देती बार यहां जहां दोपहिया वाहनचालक दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। वहीं छोटी कार आदि के कलपुर्जों का नुकसान हो रहा है।

एनएच उपमंडल द्रंग के अधीन मोहड़धार से द्रंग तक सड़क किनारे के वर्म गटके का प्रयोग न करते हुए चिकनी मिट्टी से भर डाले हैं। जरा सी बारिश होते ही यह मिट्टी की दलदल पूरी सड़क पर बिछने से यहां अक्सर दुर्घटना का अंदेशा बन रहता है। गत वर्ष इसी चिकनी मिट्टी की दलदल बनने से यहां मोहड़धार के पास नेशनल हाइवे दो दिन पूरी तरह बंद रहा था।

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2017 में हुआ था दर्दनाक हादसा

अगस्त 2017 के कोटरोपी पहाड़ी के जख्म अभी तक भी नहीं भरे हैं। मंडी-जोगेंद्रनगर के बीच हराबाग, गुम्मा, तालगहर, उरला, कोटरोपी, नारला, मोहड़धार, मैगल के पास के कई ऐसे प्वाइंट हैं, जो खतरनाक जोन बने हुए हैं। अब तक कई लोग यहां पर अपनी जाने गवां चुके हैं। मंडी फोरलेन निर्माण की अगली प्रक्रिया को लेकर अब लोगों को केंद्र में नई सरकार के बनने का इंतजार करना होगा। मार्ग की दुर्दशा के बावजूद कोई संजीदा कदम न उठाए जाने का खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है। नेशनल हाइवे मंडल जोगेंद्रनगर के अधिकारी पिछले एक साल से मार्ग एनएचएआइ के अधीन होने की बात कर सड़क की मरम्मत को लेकर कोई बजट न होने का रोना रो रहे हैं।

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किस मंडल के अधीन कितनी सड़क

जोगेंद्रनगर मंडल के अधीन एनएच उपमंडल गुम्मा में कांगड़ा जिला की सीमा घटा किलोमीटर 134.300 से लेकर गवाली किलोमीटर 175 तक करीब 41 किलोमीटर सड़क आती है। जबकि इसके आगे की सड़क एनएच उपमंडल द्रंग के अधीन है। एनएच अधिकारियों की मानें तो 41 किलोमीटर के एरिया में मात्र किलोमीटर 160 से 165 तक सिर्फ पांच किलोमीटर सड़क उनके अधीन है। बाकी पूरी सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधीन हो गई है। इसकी देखरेख एनएचएआइ को करनी है। एनएचएआइ के अधिकारियों की मानें तो फिलहाल एनएच के तमाम कार्यालय यहीं मौजूद हैं। सड़क की देखरेख का दायित्व एनएच का भी बनता है। विडंबना यह है कि दोनों अथॉरिटी की कसमकस का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जिससे स्थानीय ग्रामीणों में खासा आक्रोश है।

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पिछले साल बरसात में 24 दिन बंद रहा था एनएच

पिछले साल बरसात में कोटरोपी घटनास्थल पर नेशनल हाईवे लगातार 24 दिन बंद रहा था। सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मार्ग को इस स्पॉट पर दुरुस्त करने को लेकर इस बार भी कोई प्रयास अभी तक शुरू नहीं हो पाए हैं। जबकि जून में मानसून प्रदेश में दस्तक दे देता है।

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कोटरोपी घटनास्थल पर मार्ग को दुरुस्त करने के लिए

क्रेट वाल लगाई जाएगी। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया की गई थी, लेकिन सिगल टेंडर होने की वजह से टेंडर अप्रूव नहीं हो पाया। अब नए सिरे से टेंडर लगाया जा रहा है। लगभग एक करोड़ की लागत से यहां क्रेट वाल लगाई जाएगी।

-सुमन कुमार, एसडीओ एनएच सब डिवीजन गुम्मा।

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नेशनल हाईवे की मंडी से लेकर जोगेंद्रनगर तक खस्ताहाल है। दोपहिया वाहन सड़क से बाहर निकालना जोखिम से कम नहीं है। मंडी जिला से मुख्यमंत्री व सांसद होने बावजूद कोई राजमार्ग की सुध नहीं ले रहा है। प्रत्याशियों से इस बारे में पूछा जाएगा।

-रमेश चौहान, फोटोग्राफर।

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खस्ताहाल मार्ग में वाहनों के कलपुर्जो के नुकसान हो रहा है। कोई भी मार्ग की सुध नहीं ले रहा है। दावे और वादे फोरलेन के किए जा रहे हैं। न तो भाजपा और न ही कांग्रेस पार्टी के नेता इसके लिए गंभीर हैं।

-नरेंद्र भटाचार्य, व्यापारी।

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मार्ग में वाहन चलाना जोखिम से कम नही है। बड़े वाहन सही ढंग से पास न दे तो घटना का अंदेशा बना रहता है। इस बार प्रत्याशियों से उनके विजन को लेकर सवाल उठाऊंगा।

-चरण सिंह ठाकुर, टैक्सी ऑपरेटर।

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बड़े दुख से कहना पड़ रहा है कि मार्ग की सुध न सरकार ले रही है और न ही विभाग। कोटरोपी में पिछले साल एनएच 24 दिन बंद रहा था। इस बार भी कोई राहत कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है।

-टेक सिंह ठाकुर, पूर्व उप प्रधान।

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खस्ताहाल मार्ग का शीघ्र सुधार नहीं किया गया तो आवाज बुलंद की जाएगी। किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान न करते हुए नोटा का बटन दबाऊंगा।

-नवीन शर्मा, व्यवसायी।

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भाजपा सरकारों की नाकामी : कौल सिंह

पठानकोट-मंडी फोरलेन की देरी और इस मार्ग की बदहाली के लिए भाजपा की सरकारें ही जिम्मेदार हैं। एनएच की हालत खस्ता होने से आम लोग परेशान हैं।

-कौल सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता।

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जोरों से चल रही फोरलेन की कवायद : रामस्वरूप

केंद्र सरकार ने फोरलेन के लिए बजट का प्रावधान कर रखा है। पहले चरण के कार्य का शिलान्यास हो गया है। सरकार बनते ही बहुत तेजी से कार्य पूरा होगा।

-रामस्वरूप शर्मा, सांसद एवं भाजपा प्रत्याशी मंडी संसदीय क्षेत्र।


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