जन्मदिन नहीं मनाया, जरूरतमंदों को खाना खिलाया
अपने जन्मदिन को मनाने के लिए बच्चे हमेशा इंतजार करते हैें लेकिन हटली क्षेत्र की रहने वाली नौ साल की वैष्णवी ने अपने माता-पिता को स्वयं जन्मदिन न मनाने की बात कह डाली। वैष्णवी ने जन्मदिन पर खर्च होने वाले पैसे से गरीब लोगों को खाना खिलाने को कहा।
मुकेश मेहरा, मंडी
'मां.. इस बार मैंने जन्मदिन नहीं मनाना है। जितने पैसे आप हर साल मेरे जन्मदिन पर खर्च करते हो, उनसे जरूरतमंदों को खाना खिला देना'। सरकाघाट उपमंडल के हटली क्षेत्र की चौगान गांव की निवासी वैष्णवी ने जब यह बात कही तो उसकी मां भी भावुक हो उठीं।
वैष्णवी भले नौ साल की है मगर उसके इरादे नेक हैं। बच्चे अपने जन्मदिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। आखिर करें भी क्यों न..इस दिन वे खूब मौज मस्ती करते हैं लेकिन इस बार हालात बदले हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले और लोग शारीरिक दूरी बनाए रखें, इसलिए कर्फ्यू लगा है। कई जरूरतमंदों के पास इन दिनों आजीविका का साधन नहीं है। उन्हें रोटी की चिंता सता रही है। ऐसे लोगों की मदद के लिए कई हाथ बढ़े हैं जिनमें वैष्णवी भी शामिल हो गई है। बच्चे भी यह बात समझ रहे हैं कि संकट की इस घड़ी में मुकाबला मिलकर ही करना होगा। वैष्णवी हर साल जन्मदिन धूमधाम से मनाती थीं। अन्नपूर्णा संस्था को दिए 10 हजार रुपये
वैष्णवी के पिता संतोष वर्मा निजी क्षेत्र में काम करते हैं जबकि माता भावना फार्मासिस्ट हैं। वैष्णवी का जन्मदिन आठ अप्रैल को था। जन्मदिन पर खर्च होने वाले 10 हजार रुपये वैष्णवी के माता-पिता ने अन्नपूर्णा संस्था को ऑनलाइन दिए। संस्था के सदस्यों ने इस राशि से बुधवार को कुल्लू में लोगों को हलवा बांटा तथा जरूरतमंदों को खाना उपलब्ध करवाया।
--------- पूरी की बेटी की इच्छा
भावना ने कहा कि उन्होंने बेटी की इच्छा पूरी की है। उन्होंने जब वैष्णवी से जन्मदिन न मनाने का कारण पूछा तो उसने एक रिश्तेदार का हवाला देते हुए कहा कि वह भी जरूरतमंदों को खाना खिलाने के लिए आगे आ रही हैं तो हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं? वैष्णवी की पहल सराहनीय
अन्नपूर्णा संस्था के अध्यक्ष विनीत ने वैष्णवी की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि जब बच्चे मुसीबत के समय को समझते हैं तो उन्हें उम्मीद है कि कोई व्यक्ति भूखा नहीं सो सकता है।