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भाषण मेरा सुनते हो, वोट नहीं देते

अटल जी लोकसभा चुनाव के दौरान मंडी आते, एक चुनावी सभा में भारी भीड़ को देख अटल जी ने कहा, आप लोग भाषण मेरा सुनते हो और वोट कांग्रेस को देते हो।

By BabitaEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 11:32 AM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 11:32 AM (IST)
भाषण मेरा सुनते हो, वोट नहीं देते
भाषण मेरा सुनते हो, वोट नहीं देते

मंडी, जेएनएन। अटल जी बार- बार मंडी आते खासकर लोकसभा चुनाव के दौरान वे मंडीवासियों के पसंदीदा वक्ता होते। उनकी जनसभाओं में भारी संख्या में भीड़ उमड़ती। मगर हर बार मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार हार जाता। एक बार मंडी की चुनावी सभा में भारी भीड़ को देखकर अटल जी ने कहा, आप लोग भाषण मेरा सुनने ही आते हो और वोट जाकर कांग्रेस को देते हो, जितनी भीड़ यहां है अगर सभी भाजपा को वोट दे दें तो हमारा उम्मीदवार जीत जाए।

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वहीं हेमंतराज वैद्य बताते हैं कि अटल जी के साथ वह 1990 के विधानसभा चुनाव से पूर्व होटल राजमहल में बैठे थे। अटल जी ने पूछा कि इस बार चुनाव का हाल क्या है। इस पर वैद्य ने कहा अबकी बार हम जीत जाएंगे। तब वाजपेयी जी ने कहा तुम मंडी वाले भाषण मेरा सुनते पर वोट मुझे नहीं देते।

अटल जी के भाषण के बाद परमार की सभा में बरसे टमाटर

यह भी चुनावी दौर की बात है जब डॉ. यशवंत परमार प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। एक ही दिन दोनों दल कांग्रेस

और जनसंघ की रैलियां मंडी में थी। कांग्रेस की रैली चौहटा बाजार में थी। ठीक उससे पहले अटल जी की रैली सेरी मंच पर थी, जहां भारी भीड़ थी। उनकी रैली समाप्त होने के बाद यह भीड़ जब चौहटा में आई तो डॉ. परमार और अन्य कांगे्रस नेताओं पर टमाटर बरसा दिए।

छोटी काशी से रहा है विशेष लगाव

पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से छोटी काशी मंडी भी गमगीन है। मंडी के साथ वाजपेयी का विशेष लगाव रहा है। यहां की गलियों, चौराहों, दुकानों और कुछ लोगों के घर में उनके कदम पड़े हैं। जनसंघ के नेता के तौर पर अटल जी लगातार मंडी में आते रहे हैं। इस दौरान मंडी के संघ परिवार से जुड़े लाला दलीप चंद वैद्य उनके परम मित्र रहे हैं। उनकी इस दोस्ती के चलते वे दो बार उनके घर में आकर वाजपेयी ने भोजन ग्रहण किया था।

लाला दलीप चंद वैद्य के छोटे बेटे हेमंत राज वैद्य बताते हैं अटल जी से उनके पिता का पारिवारिक संबंध रहा है। उनके बड़े भाई राजेंद्र वैद्य राजू जब दिल्ली में झंडेवाला में पूर्णकालिक के तौर पर रहते थे तो वे वाजपेयी के बहुत करीब थे। वह अकसर अटल जी के वाहन के चालक बनते थे। उनके पिता को अटल जी ने नौ देशों की यात्रा पर भेजा था। वहीं जब भी वाजपेयी मनाली के प्रीणी में आते थे तो उनका संदेश लाला दलीप चंद को आता वे उनसे मिलने भुंतर हवाई अड्डे पर या फिर प्रीणी में जाते।


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