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पठानकोट-मंडी फोरलेन बना नहीं, एनएच भी खस्ताहाल

आशीष भोज पद्धर पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन में तबदील करना तो दूर सरकार

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 11:50 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 11:50 PM (IST)
पठानकोट-मंडी फोरलेन बना नहीं, एनएच भी खस्ताहाल

आशीष भोज, पद्धर

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पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन में तबदील करना तो दूर, सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग की दयनीय हालत सुधारने के लिए भी गंभीर नहीं है। सड़क के किनारे लगे डंगे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। दोनों ओर के किनारे खड्ड में तबदील हो गए हैं। इससे आए दिन सड़क हादसों में लोग घायल हो रहे हैं। वाहन के कलपुर्जे भी खराब हो रहे हैं।

जोगेंद्रनगर के घट्टा से आरंभ होने वाली मंडी जिले की सीमा के बाद से 80 किलोमीटर लंबा यह राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर बदहाल है। कुछ जगह तो किनारों पर मिट्टी भरकर ही काम चलाया जाता है। बारिश के कारण यहां कीचड़ की स्थिति पैदा हो जाती है। 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार के सत्ता में आते ही इस राजमार्ग को फोरलेन बनाए जाने की कवायद शुरू हुई थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 24 फरवरी को चक्की पुल से सिंहुण तक 37 किलोमीटर प्रथम चरण में फोरलेन की आधारशिला रखी है। केंद्र सरकार ने सड़क के कुछ हिस्से को छोड़कर अब तक न तो शिलान्यास किया और न ही फोरलेन निर्माण के लिए कोई बजट का प्रविधान किया है।

पठानकोट-मंडी फोरलेन बनने की चर्चा ने व्यापारिक संस्थान निर्माण करने, आवास बनाने के कार्यों को भी रोके रखा है। दो साल पहले राजस्व मुहाल नारला से मंडी तक लगभग 30 किलोमीटर दायरे की भू-अधिग्रहण सूची ही अथारिटी की ओर से वेबसाइट पर डाली है। फोरलेन की शेष सूची का लोग इंतजार कर रहे हैं। फोरलेन की जद में आने वाले लोगों में भी केंद्र सरकार के खिलाफ रोष है। खस्ताहाल हो चुके सड़क के किनारों से रोज वाहन चालकों को परेशान होना पड़ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग की जोगेंद्रनगर से मंडी तक हालत खस्ता है। यहां कई प्वाइंट बड़े संवेदनशील हैं। मंडी से लेकर जोगेंद्रनगर तक इस हाईवे पर कई दर्दनाक घटनाएं अब तक घट चुकी हैं। कई जगह डेढ़ फीट तक गहरे गड्ढे

जोगेंद्रनगर से लेकर ग्वाली और साहल से लेकर मंडी तक सड़क के किनारे दोनों तरफ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। एक से डेढ़ फुट तक गहरी खाई कई जगह बनी हुई है। बड़े वाहनों को पास देती बार दोपहिया वाहन दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। नहीं सुधरी कोटरोपी की हालत

कोटरोपी हादसे को हुए चार साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन 100 मीटर लंबे इस मार्ग को ही पक्का नहीं किया जा सका है। वाहनों के पहियों से उड़ने वाली धूल के कारण कई बार लोगों को परेशानी होती है। कंक्रीट यहां बिछाई गई, लेकिन अब वह हादसों का कारण बन रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा मिलने के कई साल बाद भी मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग-154 खस्ताहाल है। सड़क की कम चौड़ाई गड्ढों, खराब नालियों और खराब किनारों के कारण स्थिति बदतर हो गई है। लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है।

-सुनील डोगरा, युवा प्रधान ग्राम पंचायत गवाली। खस्ताहाल मार्ग में वाहनों के कलपुर्जे टूट रहे हैं। वाहन चालक परेशान हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) कोई सुध लेने वाला नहीं है।

-गगन यादव, टैक्सी चालक। फोरलेन के नाम पर अब तक महज राजनीति होती आई है। हकीकत ये है कि दोपहिया चालक हादसे का शिकार हो रहे हैं। कई वर्षो से दोपहिया में सफर करता हूं।

-शनि कुमार, स्थानीय युवा। वर्तमान में मार्ग लावारिश हालत में है। एनएच और एनएचएआइ देखरेख के लिए एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ते आए हैं। सांसद कोई भी बने। एनएच की दशा सुधारने के लिए आवाज उठाए।

-सत्यप्रकाश, स्थानीय युवा। जबसे भाजपा सरकार सत्ता में है फोरलेन बनाने के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। न तो फोरलेन का काम शुरू हो पाया और राष्ट्रीय राजमार्ग का रखरखाव भी नहीं हो रहा है।

-ठाकुर कौल सिंह, पूर्व मंत्री।


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