दिव्यांग रजत की कानूनी सहायता करेगा ट्रस्ट
नीट की परीक्षा पास करने के बाद भी डॉक्टर बनने का सपना टूट जाने के निराश दिव्यांग रजत की मदद के लिए मानव सेवा ट्रस्ट सुंदरनगर आगे आया है। ट्रस्ट रजत को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने में मदद के साथ-साथ निशुल्क मामले को कोर्ट में लड़ेगा। ट्रस्ट के चेयरमैन प्रकाश चंद ने बताया कि दिव्यांग रजत कुमार को न्याय दिलवाने के लिए नि
संवाद सहयोगी, सुंदरनगर : नीट की परीक्षा पास करने के बाद भी डॉक्टर बनने का सपना टूट जाने के निराश दिव्यांग रजत की मदद के लिए मानव सेवा ट्रस्ट सुंदरनगर आगे आया है। ट्रस्ट रजत को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने में मदद के साथ-साथ निशुल्क मामले को कोर्ट में लड़ेगा। ट्रस्ट के चेयरमैन प्रकाश चंद ने बताया कि दिव्यांग रजत कुमार को न्याय दिलवाने के लिए निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी। यही नहीं सारे मामले की जानकारी प्राप्त करने के लिए ट्रस्ट के चेयरमैन रजत के परिजनों के साथ मुलाकात भी करेंगे। रजत कुमार के पिता जय राम ने बताया कि मानव सेवा ट्रस्ट सुंदरनगर ने न्याय दिलाने के लिए मदद की पेशकश की है। अब न्याय व्यवस्था पर ही भरोसा है कि वहां से जरूर बेटे को न्याय मिलेगा। वर्तमान में रजत जमा दो की पढ़ाई पूरी करने के बाद वल्लभ डिग्री कॉलेज मंडी बीएसई में प्रवेश लेने के लिए गया था, लेकिन इस पढ़ाई में प्रेक्टिकल होने के कारण कॉलेज प्रबंधन ने प्रवेश देने से इंकार करके बीए संकाय में पढ़ाई करने की सलाह दी थी। इसके बाद रजन ने बीए संकाय में प्रवेश लेकर आगे की पढ़ाई जारी रखी है। रजत का छोटा भाई राहुल कुमार विजय सीनियर सेकेंडरी (बाल) मंडी में जमा एक मेडिकल में पढ़ रहा है। मूल रूप से उपमंडल सुंदरनगर की ग्राम पंचायत डूगराई के गांव रडू निवासी यह परिवार वर्तमान में बच्चों का भविष्य संवारने के लिए मंडी के पड्डल मैदान में किराये के कमरे में लेकर रह रहे है। इससे पहले रजत के पिता कुल्लू जिला के आनी से शिक्षा विभाग में शारीरिक शिक्षक के पद पर तैनात थे। इस कारण रजत की पढ़ाई जमा दो तक हिमालयन मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल आनी में हुई। रजत ने दसवीं कक्षा की परीक्षा मुंह से लिखने के बावजूद 630 अंक प्राप्त किए, जबकि मेडिकल की जमा दो की परीक्षा में रजत ने 440 अंक प्राप्त किए थे।