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सड़क निर्माण में लग रहा कोटरोपी का मलबा

ठेकेदारों के लिए माइन क्षेत्र बन गया है। ठेकेदार यहां अवैध खनन कर चांदी कूट रहे हैं। प्रशासन, लोक निर्माण और वन विभाग इस बात से बेखबर है। हैरानी इस बात की है कि कोटरोपी घटनास्थल का यह मलबा ठेकेदार द्वारा कोटरोपी-चुक्कू-खजरी मार्ग में नागणी से आगे पीएमजीएसवाई के तहत निर्माणाधीन सड़क कार्य में प्रयोग किया जा रहा है। जबकि लोक निर्माण विभाग मूक बना हुआ है। यहां गुणवत्ता को दरकिनार कर ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहे

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 05:03 PM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 05:03 PM (IST)
सड़क निर्माण में लग रहा कोटरोपी का मलबा
सड़क निर्माण में लग रहा कोटरोपी का मलबा

सहयोगी, पद्धर : कोटरोपी घटनास्थल का मलबा ठेकेदारों के लिए माइन क्षेत्र बन गया है। ठेकेदार यहां अवैध खनन कर चांदी कूट रहे हैं। प्रशासन, लोक निर्माण और वन विभाग इस बात से बेखबर है।

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हैरानी इस बात की है कि कोटरोपी घटनास्थल का यह मलबा ठेकेदार द्वारा कोटरोपी-चुक्कू-खजरी मार्ग में नागणी से आगे पीएमजीएसवाई के तहत निर्माणाधीन सड़क कार्य में प्रयोग किया जा रहा है। जबकि लोक निर्माण विभाग मूक बना हुआ है। यहां गुणवत्ता को दरकिनार कर ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहे हैं। विभागीय कनिष्ठ अभियंता की माने तो यहां कार्य निरीक्षण के लिए तीन बेलदार और एक सुपरवाइजर तैनात किया गया है। लेकिन टेक्निकल ¨वग से कोई भी दक्ष इंजीनियर यहां नही है। ऐसे में कार्य की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि पीएमजीएसवाई के तहत निर्माणाधीन सड़क की देखरेख पांच साल के लिए सबंधित ठेकेदार के जिम्मे होती है। लेकिन निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का प्रयोग किसी भी तरह तर्कसंगत नही है। इससे पहले पद्धर उपमंडल के अधीन पीएमजीएसवाई के तहत निर्माणाधीन पद्धर-घोघरधार-बल्ह और पद्धर-दमेला-नौहली सड़क में कोताही के चलते टा¨रग उखड़ने के मामले सामने आ चुके हैं। जबकि बाद में लोक निर्माण महकमा इसी तरह की दुहाई देकर पल्ला झाड़ता आया है। कोटरोपी घटनास्थल पर भारी भरकम मलबा यहां एनएचएआइ के द्वारा एनएच के किनारे सड़क के क्षतिग्रस्त वर्म को भरने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। जिस पर अब ठेकेदारों की नजर लगी है। किसी प्रकार का हो हल्ला न हो इसके लिए ठेकेदार की मशीनरी और टिप्पर सुबह-सुबह यहां मलबा भरने पहुंचती है। जबकि लोक निर्माण विभाग और स्थानीय प्रशासन इस बात से अनजान बना हुआ है।

वहीं, वन विभाग के वन रक्षक कमल किशोर का कहना है कि ठेकेदार बहरहाल एनएच के साथ लगते क्षेत्र से मलबा भर रहे हैं। पीएमजीएसवाई के अधीन निर्माणाधीन कोटरोपी-खजरी मार्ग में कार्य की देखरेख के लिए तीन बेलदार तैनात किए गए हैं। जबकि स्वयं भी विभागीय अधिकारियों सहित साइट निरीक्षण किया जाता है। ठेकेदार द्वारा बिछाए गए कोटरोपी के गटके पर अब रोक लगा दी है। इस बारे ठेकेदार को सख्त हिदायत दी गई है।

रूप लाल, कनिष्ठ अभियंता लोक निर्माण विभाग अनुभाग पद्धर


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