पीलिया के बावजूद लिखी मेरिट
काकू चौहान, मंडी कहते हैं कि हौसले बुलंद हों और मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा हो
काकू चौहान, मंडी
कहते हैं कि हौसले बुलंद हों और मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा हो तो कोई भी बाधा आपको मुकाम तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है करसोग स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र सानिध्य ने। जिन्होंने परीक्षा के दौरान पीलिया जैसी बीमारी से ग्रसित होने के बावजूद टॉप टेन में जगह बना ली है। परीक्षा की तैयारियां अंतिम चरण में थी कि 28 फरवरी को उसे पीलिया हो गया। अभिभावकों ने नजदीकी अस्पताल में जांच करवाने के बाद घर पर ही उपचार शुरू किया, लेकिन बीमारी ने उन्हें बुरी तरह से जकड़ लिया। सात मार्च को उसका पहला पेपर था, लेकिन जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आ रही थी उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। इसके बावजूद सानिध्य ने हिम्मत नहीं हारी और पढ़ाई करने में डटा रहा। बीमारी की परवाह किए बगैर उसने परीक्षाएं दी और प्रदेशभर में दसवां स्थान हासिल किया।
सानिध्य के पिता विजय कुमार दूरसंचार विभाग में सहायक अभियंता हैं, जबकि माता सुंदर लता टीजीटी हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान अचानक बेटे के बीमार होने से वह काफी ¨चतित हो गए थे। वह हाथ से पैन भी नहीं पकड़ पा रहा था और हाथ नहीं चल रहे थे, लेकिन वह बेटे का उत्साहवर्धन करते रहे। उसे मानसिक रूप से परीक्षा के लिए तैयार किया। माता सुंदर लता ने बताया कि सानिध्य को किसी तरह की ट्यूशन नहीं दी गई न ही वह रात रातभर जागकर पढ़ाई करता है, लेकिन वह जब पढ़ने बैठता है तो पूरी लग्न के साथ पढ़ाई करने में जुट जाता है।
सानिध्य ने बताया कि वह इंजीनियर बनना चाहता है। उसे क्रिएटिव कार्य करने का शौक है। परीक्षा के दौरान स्वास्थ्य ठीक होता तो शायद आज उसका स्थान इससे भी ऊपर होता, लेकिन वह इसी स्थान को पाकर बेहद खुश है। सानिध्य ने उपलब्धि का श्रेय माता-पिता व अध्यापकों को दिया है।