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जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक को शामिल करना अन्याय

कमीशन से भरे जा रहे जेबीटी पदों के लिए बीएड अभ्यर्थी को अस्थाई तौर पर शामिल करने के जेबीटी अभ्यर्थियों ने विरोध किया है। इस संबंध में जेबीटी अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से मिला। उन्होंने शिक्षा मंत्री को अवगत करवाया कि जब प्रदेश में हजारों जेबीटी टेट पास अभ्यर्थी बेरोजगार हैं तो

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 05:52 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 05:52 PM (IST)
जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक को शामिल करना अन्याय
जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक को शामिल करना अन्याय

संवाद सहयोगी, मंडी : कमीशन से भरे जा रहे जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक को अस्थायी तौर पर शामिल करने का जेबीटी अभ्यर्थियों ने विरोध किया है। जेबीटी अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से मिला। उन्होंने शिक्षा मंत्री को अवगत करवाया कि जब प्रदेश में हजारों जेबीटी टेट पास अभ्यर्थी बेरोजगार हैं तो फिर बीएड डिग्री धारक को जेबीटी के पदों के लिए शामिल करना सरासर अन्याय है। बीएड डिग्री धारक जेबीटी शिक्षक के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को किसी भी सूरत में पूरा नहीं करते हैं, लेकिन उन्हें जेबीटी के पदों के लिए योग्य ठहराना जेबीटी ट्रेंड अभ्यर्थियों के साथ धोखा है। उनका कहना है कि जेबीटी प्रशिक्षुओं प्रशिक्षण के दौरान प्राथमिक स्तर के सभी विषयों का प्रशिक्षण हासिल किया जाता है बावजूद इसके लिए बीएड में सिर्फ दो विषय ही शामिल होते हैं। यही नहीं जेबीटी और बीएड के पाठ्यक्रम में भी काफी अंतर है। इसके चलते बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी के पदों के लिए शामिल करना समझ से परे हैं। जेबीटी कमीशन को भरने के लिए जेबीटी के दो वर्षीय कोर्स के साथ-साथ टेट पास होना अनिवार्य है, लेकिन बीएड धारकों को बिना जेबीटी टेट के ही शामिल किया जा रहा है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम में शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास होना अनिवार्य है। अब आरटीई के प्रावधानों को दरकिनार कर बीएड डिग्री धारकों को शामिल किया जाना उचित नहीं है। एनसीटीई द्वारा जेबीटी के पदों के लिए बीएड धारक को सिर्फ उन राज्यों के लिए अधिसूचना जारी की थी जहां प्रशिक्षित जेबीटी अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं है। प्रदेश के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों सहित निजि संस्थानों के माध्यम से हर वर्ष करीब 2500 जेबीटी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्तमान में जेबीटी के 2 बैच प्रशिक्षण ले रहे हैं और करीब 10 हजार से अधिक अभ्यर्थी प्रशिक्षण पूरा कर नौकरी की आस में बैठे हैं, लेकिन अब प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा बीएड धारकों को जेबीटी के पदों के लिए अस्थायी तौर पर आवेदन करने का निर्णय देने से जेबीटी अभ्यर्थी हताश व निराश है। इस दौरान करीब प्रदेशभर के करीब 150 जेबीटी अभ्यर्थी मौजूद रहे।

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