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अब मिलकर शोध करेंगे आइआइटी मंडी व ट्रिप्पल आइटी ऊना

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) ने शोध एवं शिक्षा कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइआइटी) ऊना से सहयोग करार किया है। आइआइटी के प्रैक्टिकम कंपोनेंट के ज्ञान और विशेषज्ञता को आइआइआइटी के शिक्षकों को हस्तांतरित किया गया है। आइआइटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर टिमोथी ए. गोंजाल्विस व कम्प्यूटिग एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग स्कूल के एसोसिएट प्रो

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Aug 2019 06:00 PM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2019 06:38 AM (IST)
अब मिलकर शोध करेंगे आइआइटी मंडी व ट्रिप्पल आइटी ऊना

जागरण संवाददाता, मंडी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) ने शोध एवं शिक्षा कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिप्पल आइटी) ऊना से सहयोग करार किया है। आइआइटी के प्रेक्टिकम कंपोनेंट के ज्ञान और विशेषज्ञता को ट्रिप्पल आइटी के शिक्षकों को हस्तांतरित किया है। आइआइटी मंडी के निदेशक प्रो. टिमोथी ए गोंजाल्विस व कंप्यूटिग एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग स्कूल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्रीकांत श्रीनिवासन ने ट्रिप्पल आइटी ऊना के बीटेक के विद्यार्थियों के आने वाले बैच के लिए एक्सप्लोरेशन इंजीनियरिग पर विशेष प्रशिक्षण सत्र का संचालन किया। प्रशिक्षण का उद्देश्य विद्यार्थियों को समाज की जरूरतों के प्रति संवेदनशील बनाना और उनके विचारों को राष्ट्र के उथान के लिए अभिनव समाधान प्रदान करने के प्रति प्रेरित करना था। इस सहयोग को सरल बनाने और शोध की संयुक्त गतिविधियों का संचालन करने के लिए प्रो. गोंजाल्विस ने 29 मार्च, 2019 को ट्रिप्पल आइटी ऊना के निदेशक प्रो. सेल्वाकुमार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौता ज्ञापन के तहत आइआइटी के पाठ्यक्रम के व्यावहारिक अंशों पर आधारित पाठ्यक्रम का विकास करने में ट्रिप्पल आइटी की सहायता करने की सहमति दी है। बकौल प्रोफेसर टिमोथी ए. गोंजाल्विस, आइआइटी मंडी ने सदैव अपने कैंपस और विद्यार्थियों की सीमा से बढ़ कर पूरी दुनिया के लिए योगदान देने में विश्वास रखा है। इसका एक ठोस प्रयास हमारा अनोखा प्रोजेक्ट आधारित पाठ्यक्रम और विशिष्ट शिक्षा प्रणाली अन्य संस्थानों को देना है। आइआइआइटी ऊना से करार इसकी एक मिसाल है। पूर्व विद्यार्थी और पीएचडी डिग्री धारक यह दूरदृष्टि अन्य संस्थानों तक ले जा रहे हैं। देश व दुनिया के अन्य देशों में उनके काम की जगह हमारे संस्थान के इनोवेटिव तरीके लागू कर रहे हैं। पाठ्यक्रम और विषय सामग्री तैयार करने में आइआइआइटी ऊना की सहायता करने के प्रति आइआइटी पहले ही कई उपाय कर चुकी है। आइआइआइटी के 24 शिक्षकों के साथ प्रोफेसर एस. सेल्वाकुमार ने इसके पहले डिजाइन प्रेक्टिकम ओपन हाउस में भाग लिया था। शिक्षकों के लिए रिवर्स इंजीनियरिग कोर्स, डिजाइन प्रेक्टिकम, इंटरएक्टिव सोसियोटेक्निकल प्रैक्टिकम और अंतिम वर्ष की मुख्य प्रौद्योगिकी परियोजना समेत प्रैक्टिकम आधारित पाठ्यक्रम पर एक सत्र का आयोजन किया गया। ऊना के शिक्षकों को पाठ्यक्रमों की जानकारी देने के लिए आइआइटी में पांच दिवसीय शिक्षक विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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