स्कूल विद्यार्थियों की प्रतिभा निखारेगा आइआइटी मंडी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी अब स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों की प्रतिभा भी निखारेगा। इससे उन्हें करियर चुनने व आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। इंडस्ट्रियल विजिट के तहत तीन माह में 15 स्कूलों व 4 कॉलेजों के 700 से अधिक छात्रों ने आइआइटी का दौरा कि
जागरण संवाददाता, मंडी : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी अब स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों की प्रतिभा भी निखारेगा। इससे उन्हें करियर चुनने व आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। इंडस्ट्रियल विजिट के तहत तीन माह में 15 स्कूलों व चार कॉलेजों के 700 से अधिक विद्यार्थियों ने आइआइटी का दौरा किया है।
विद्यार्थियों को इस दौरान उन्नत सामग्री अनुसंधान केंद्र, अत्याधुनिक कंप्यूटर प्रयोगशाला, मैकेनिकल प्रयोगशाला की जानकारी दी गई है। ऑटोमोबाइल सेक्टर, दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी, शारीरिक शिक्षा आदि विषयों पर चर्चा की गई। परिचयात्मक सत्र में करियर को लेकर भी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया गया, ताकि छात्रों को उज्ज्वल भविष्य के लिए उनके कौशल और शक्तियों का पता लगाने में मदद मिल सके। संस्थान में एनएसएस के सलाहकार प्रो. सुमित सिन्हा रे ने कहा, विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए संस्थान निरंतर सहयोग कर रहा है। ऐसी शैक्षिक यात्राओं के लिए आने वाले दिनों में और अधिक छात्रों की मेजबानी करने की उम्मीद करते हैं। औद्योगिक यात्रा का उद्देश्य स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों के बीच दुनिया में तेजी से उभरती प्रौद्योगिकी के बारे में जागरूकता पैदा करना है। टीम प्रयास के माध्यम से और व्यक्तिगत रूप से समाज के लाभ के लिए ज्ञान का निर्माण और साझा करना सिखाना है।
रितिका छात्रा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल भंगरोटू ने कहा कि आइआइटी मंडी में मेरी यात्रा बहुत उपयोगी थी। अपने सहपाठियों के साथ कंप्यूटर प्रयोगशाला सहित विभिन्न प्रयोगशालाओं का दौरा किया। संस्थान के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का भी दौरा किया। शारीरिक शिक्षा के महत्व पर जानकारी मिली।
इन स्कूलों के विद्यार्थियों ने किया दौरा
कूच बिहार पंचानन विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल, वल्लभ कॉलेज मंडी, श्री साई विश्वविद्यालय पालमपुर, जवाहरलाल नेहरू राजकीय इंजीनियरिग कॉलेज सुंदरनगर, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सालोट, हरनोड़ा, कपाही, सिध्याणी, घासणु, द्रंग, बलद्वाड़ा, स्यांज, पद्धर, भंगरोटू, उरला, सुंदरनगर, सरकाघाट व निहरी शामिल हैं।