इन बातों का रखेंगे ध्यान तो आग से सुरक्षित रहेगा आपका घर
गर्मियों में नमी कम होती है और तामपान बढ़ जाता है। इस कारण कोई भी चीज आसानी से आग पकड़ लेती है।
मंडी, काकू चौहान। अच्छा मकान हर शख्स का सपना होता है। इस सपने को पूरा करने के लिए लोग लाखों रुपये खर्च कर देते हैं, लेकिन फायर सेफ्टी नियमों को अकसर अनदेखा कर देते हैं। लोगों की यह भूल जान पर भारी पड़ सकती है। घरों में आग लगने का सबसे बड़ा कारण शॉर्ट सर्किट रहा है। घर में वायरिंग कराते हुए हम पैसे बचाने के चक्कर में अक्सर सस्ती वायर डलवा देते हैं।
इसके अलावा एक बार वायरिंग कराकर हम निश्चिंत हो जाते हैं और उसे अपग्रेड नहीं करवाते, जबकि वक्त के साथ घर में इलेक्ट्रिक गैजेट्स बढ़ाते जाते हैं। बड़ा टीवी, बड़ा फ्रिज, ज्यादा टन का एसी, माइक्रोवेव आदि। घर में लगी पुरानी वायर इतना लोड सहन नहीं कर पाती और शॉर्ट सर्किट हो जाता है।
विशेषकर गर्मियों में नमी कम होती है और तामपान बढ़ जाता है। इस कारण कोई भी चीज आसानी से आग पकड़ लेती है। इस मौसम में इलेक्ट्रिक वायर भी जल्दी गर्म हो जाते हैं और जरा-सा ज्यादा लोड़ पड़ने पर स्पार्क होने से आग लग जाती है। नेरचौक में भी शार्ट सर्किट से घर में आग लगी और पांच लोगों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ा।
आग से कैसे करें बचाव
-घर में हमेशा ब्रांडेड वायर इस्तेमाल करें। सस्ती वायर खरीदने से बचें।
-वायर हमेशा आईएसआई मार्क वाली खरीदें और जितने एमएम की वायर की इलेक्ट्रिशियन ने सलाह दी है, उतने की ही खरीदें। घर में पीवीसी वायर लगानी चाहिए, जो एक लेयर की होती है। यह आसानी से गर्म नहीं होती।
-दीया जलाकर उसके ऊपर शीशे की चिमनी रख सकते हैं, जैसी पहले लैंप में होती थी।
-एलपीजी का भंडारण नहीं करना चाहिए। मकानों में अग्निरोधक सामग्री का इस्तेमाल किया जाए।
- आग लगने के कारण गैस सिलेंडर की लीकेज भी घरों में आग लगने की वजह साबित होती है।
कई बार हम जल्दबाजी में गैस सिलेंडर का रेगुलेटर बंद नहीं करते। इससे गैस लीक होती रहती है और गैस आन करने पर सिलेंडर आग पकड़ लेता है।
- गैस पाइप में खराबी व सिलेंडर के पास ज्वलनशील पदार्थ रखने से भी आग लग सकती है। इसके अलावा सुबह-शाम घर में पूजा करते हुए दीया और अगरबत्ती जलती छोड़ दें और उन पर ध्यान न दें तो भी आग लग सकती है।
- जिले में 2016 से पहले बने अधिकतर मकान फायर सेफ्टी मापदंडों को पूरा नहीं करते, इसमें सरकारी भवन भी शामिल हैं। इस कारण आग जैसी घटनाओं से निपटना मुश्किल है।
पिनाम सिंह, जिला अग्निशमन केंद्र प्रभारी।