आपात स्थिति में दवा के साथ रक्त भी लाएगा ड्रोन
दवा के साथ ड्रोन अब आपात स्थिति में रक्त भी लाएगा। नेरचौक मेडिकल कालेज में इसका सफल ट्रायल हुआ है।
जागरण संवाददाता, मंडी : दवा के साथ ड्रोन अब आपात स्थिति में रक्त भी लाएगा। नेरचौक मेडिकल कालेज में इसका सफल ट्रायल हुआ। ड्रोन के जरिए 10 किलोमीटर दूर से मेडिकल कालेज परिसर में एक यूनिट रक्त पहुंचाया गया।
बल्ह हलके के मांडल में निर्माणाधीन जेल परिसर से उड़ान भरने के बाद ड्रोन ने एक यूनिट रक्त के साथ मेडिकल कालेज परिसर में सफलतापूर्वक लैंडिग की। कुछ दिनों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दवाएं व सैंपल पहुंचाने का ट्रायल कर रहे थे। बुधवार को एक यूनिट रक्त पहुंचाने का ट्रायल किया गया। ट्रायल सफल होने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के चेहरे खिल गए हैं। प्रथम चरण की सफलता के बाद अब आने वाले दिनों में दूसरे व तीसरे चरण के ट्रायल होंगे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिले के दुर्गम क्षेत्रों को चुना है। ड्रोन प्रौद्योगिकी का सबसे अधिक लाभ खासकर सड़क सुविधा से वंचित व बर्फबारी वाले प्रभावित क्षेत्र की जनता को होगा। ऐसे क्षेत्रों से बड़े स्वास्थ्य संस्थानों तक मरीजों के रक्त, पेशाब व थूक के सैंपल जांच के लिए समय पर पहुंचेंगे और रिपोर्ट के लिए भी लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। आपात स्थिति में दवा के साथ रक्त पहुंचना भी आसान होगा। तीमारदारों को एक स्वास्थ्य संस्थान से दूसरे संस्थान के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। कोविड महामारी में भी ड्रोन मरीजों के घरों तक दवाएं पहुंचाने में मील पत्थर साबित होगा। तीन चरण के ट्रायल के बाद स्वास्थ्य विभाग प्रदेश सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा। उसके बाद सरकार ड्रोन उपलब्ध करवाने पर विचार करेगी। छह सितंबर को कोविड वैक्सीन को लेकर आयोजित कार्यक्रम में लाभार्थियों से बातचीत कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में ड्रोन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने को कहा था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने यह पहल की है। विभाग ने आइआइटी चेन्नई के प्रशिक्षुओं के एक स्टार्टअप प्रोजेक्ट के साथ ड्रोन को लेकर करार किया है। मंगलवार को ड्रोन से थूक के 10 सैंपल छिपणु से जोनल अस्पताल मंडी पहुंचाने का सफल ट्रायल हुआ था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. देवेंद्र शर्मा ने नेरचौक मेडिकल कालेज में ड्रोन का सफल ट्रायल होने की पुष्टि की है।