हिमाचल में घने कोहरे ने मुश्किल किया सफर, 4 जिलों में दिख रहा सबसे ज्यादा असर; यहां दृश्यता 20 से 30 मीटर
हिमाचल प्रदेश में घने कोहरे के कारण यात्रा मुश्किल हो गई है, खासकर चार जिलों में जहाँ दृश्यता 20-30 मीटर तक कम हो गई है। कोहरे के कारण सड़कों पर वाहन चलाना मुश्किल हो गया है और चालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी इसी तरह की स्थिति बने रहने की संभावना जताई है।

जिला मंडी के बल्ह क्षेत्र में पड़ा कोहरा। जागरण
जागरण संवाददाता, मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी, बिलासपुर, ऊना व कांगड़ा जिलों में दो दिनों से छाए घने कोहरे ने आम जनजीवन के साथ साथ यातायात को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। सुबह और देर शाम के समय दृश्यता बेहद कम होने के कारण वाहन चालकों को अपने वाहनों की गति नियंत्रित रखनी पड़ रही है।
20 से 30 मीटर दृश्यता
कई जगह दृश्यता 20-30 मीटर तक सिमट जाने से सड़क पर खतरा बढ़ गया है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कोहरे का असर अधिक देखने को मिल रहा है, जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों और नौकरीपेशा लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
फोरलेन पर चेतावनी संकेत
कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर वाहनों को दिशा दिखाने वाले कैट आइज, रिफ्लेक्टर व चेतावनी संकेत पूरी तरह से काम कर रहे हैं। कोहरा प्रभावित क्षेत्रों में टावर लाइट की व्यवस्था भी भारतीयराष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की ओर से की गई है।
ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों पर नहीं व्यवस्था
वहीं अन्य आंतरिक व ग्रामीण मार्गों पर ऐसी किसी भी तरह की सुविधा का पूरी तरह अभाव है। कई सड़कें ऐसी भी हैं, जहां मोड़ों पर चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगाए गए। तेज कोहरा होने पर इन मार्गों पर चलना बेहद जोखिम भरा सिद्ध हो रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी और संबंधित विभागों ने केवल मुख्य हाईवे पर ही व्यवस्था कर खुद को सक्रिय बताने की कोशिश की है, जबकि असल खतरा छोटी व भीतरी सड़कों पर अधिक है।
कोहरे में सड़क पर चेतावनी संकेत जरूरी
कोहरे के मौसम में सड़कों पर रिफ्लेक्टिव बोर्ड, डेंजर मार्कर, कैट आइज और चेतावनी संकेत अत्यंत आवश्यक हैं। इनकी अनुपस्थिति के कारण रात के समय दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
बाइक, ट्रैक्टर व छोटे वाहन चालकों को रहना पड़ रहा सतर्क
ग्रामीण मार्गों पर मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर और छोटे वाहनों के चालकों को विशेष सतर्क रहना पड़ रहा है। सुबह के समय बल्ह घाटी से सलापड़ तक का पूरा इलाका कोहरे की मोटी चादर में ढका रहता है। इससे न केवल वाहन चालक प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि ठिठुरन में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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खेतों में काम करने वाले किसानों का कहना है कि सुबह की धुंध और ठंडी हवा के कारण दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

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