सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा से वंचित गरीब च्चे
क सरकार बच्चों को निशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाने के दावे करती है लेकिन तकनीक के इस युग में प्रदेश के कई गरीब बच्चे कंप्यूटर शिक्षा से अब भी महरूम हो रहे हैं। सरकारी स्कूलों में फ्री कंप्यूटर शिक्षा का प्रावधान न होने के कारण गरीब परिवार से संबंधित बच्चों को यह शिक्षा नहीं मिल पा रही है। प्रदेश में 199
संवाद सहयोगी, मंडी : सरकारी स्कूलों में बच्चों को कई सुविधाएं नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध करवाने के दावे सरकार कर रही है, लेकिन प्रदेश के कई गरीब बच्चे कंप्यूटर शिक्षा से वंचित रह रहे हैं। सरकारी स्कूलों में नि:शुल्क कंप्यूटर शिक्षा का प्रावधान न होने के कारण गरीब परिवार से संबंधित बच्चों को यह शिक्षा नहीं मिल पा रही है।
प्रदेश में 1998 से स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा शुरू की गई, लेकिन अब तक इसे नि:शुल्क नहीं किया गया है। अब भी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर फीस वसूली जा रही है। अभिभावक नरेश ठाकुर, रमेश कुमार, देवेंद्र कुमार, ठाकुर दास व नरेश कुमार ने बताया कि आज के दौर में हर बच्चे के लिए कंप्यूटर शिक्षा अनिवार्य है, लेकिन सरकार कंप्यूटर शिक्षा की तरफ ध्यान नहीं दे रही है। कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर अब भी सरकारी स्कूलों में बच्चों से 110 रुपये मासिक फीस वसूली जा रही है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण कई बच्चे ऐसे भी हैं जो यह फीस चुकाने में भी असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि सरकार स्कूलों में मुफ्त वर्दी, किताबें, मिड डे मील, नि:शुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध करवा रही है, लेकिन कंप्यूटर शिक्षा अब भी नि:शुल्क नहीं हो पाई है। कई बार सरकार से कंप्यूटर शिक्षा को नि:शुल्क व अनिवार्य करने की मांग की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने सरकार से पुन मांग की है कि सबको शिक्षा सबको हक के तहत इस सत्र से कंप्यूटर शिक्षा को पूरी तरह से निशुल्क किया जाए, ताकि हर बच्चा कंप्यूटर शिक्षा ग्रहण कर सके।
उच्च शिक्षा उपनिदेशक अशोक शर्मा ने बताया कि पहली से आठवीं कक्षा तक की नि:शुल्क शिक्षा का प्रावधान है। गरीब बच्चों से 55 रुपये मासिक कंप्यूटर फीस ली जा रही है।