सरकारी जमीन गिरवी रख ले लिया दस लाख का ऋण
संवाद सहयोगी, मंडी : मंडी जिला के करसोग में एक व्यक्ति ने सरकारी जमीन के कागजात बैंक में
संवाद सहयोगी, मंडी : मंडी जिला के करसोग में एक व्यक्ति ने सरकारी जमीन के कागजात बैंक में गिरवी रख कर लाखों रुपये का ऋण हासिल कर लिया। व्यक्ति द्वारा जब बैंक को किसी प्रकार की किस्त नहीं दी गई, तो बैंक प्रबंधन की ओर से जमीन की सरहदबंदी करवाने पर वह सरकारी पाई गई। इससे बैंक प्रबंधन में हड़कंप मच गया। बैंक प्रबंधन की ओर से पुलिस थाना करसोग में ऋण लेने वाले व्यकित के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की करसोग शाखा के प्रबंधक मोहित मेहता ने पुलिस में व्यकित के खिलाफ दर्ज शिकायत में बताया कि साल 2015 में स्थानीय निवासी नरेश कुमार ने बैंक से घर बनाने के लिए दस लाख का ऋण ले रखा है। व्यकित द्वारा बैंक से ऋण लेने की एवज में जमीन के कागजात बैंक में गिरवी रखे हैं। तीन साल से अधिक का समय बीतने के बाद भी उक्त व्यकित की ओर से ऋण चुकाने के लिए एक भी किश्त बैंक को अदा नहीं की। बैंक प्रबंधन की ओर से बार-बार ऋण लेने वाले से पत्राचार भी किया गया। लेकिन हर बार व्यकित बैंक प्रबंधन को झांसा देता रहा।
नोटिस जारी करने के बाद भी ऋण लेने वाला टस से मस नहीं हुआ। मजबूरन बैंक प्रबंधन को गिरवी रखी जमीन की शरहदबंदी करनी पड़ी। इसके लिए राजस्व विभाग के अधिकारी समेत गिरवी रखी जमीन की शहरबंदी की गई। लेकिन यह जमीन सरकारी पाई गई है। स्पॉट पर पहुंचे बैंक अधिकारियों के पांव तले से जमीन खिसक गई। बैंक से ऋण हासिल करने के लिए उक्त व्यकित द्वारा बैंक से सीधे तौर पर धोखाधड़ी की गई। बैंक प्रबंधन ने जब मामले की पड़ताल शुरू की तो पाया गया कि ऋण लेने वाले व्यकित ने बैंक में गिरवी रखी सरकारी जमीन पर घर भी नहीं बनाया है। घर उसने किसी और खसरा नंबर वाली जमीन पर बनाया है। इससे पता चलता है कि ऋण लेने वाला बेहद शातिर प्रवृति का व्यकित है।
मामले की छानबीन कर रहे करसोग पुलिस थाना के एसआई कृष्ण लाल ने बताया कि बैंक प्रबंधन की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। जल्द ही आरोपित से पूछताछ करने के लिए उसे थाने में तलब किया जाएगा।