अपना बनाने के लिए धन्यवाद हिमाचल
जब मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो मैं घर से दूर था। मुझे और मेरे परिवार को सबसे अधिक चिता यही थी कि मेरा इलाज यहां सही ढंग से होगा या नहीं। दिल्ली में हालात पहले ही खराब थे। रोज कुछ न कुछ सुनने को मिलता था। वहीं बातें दिमाग में घुमी। पत्नी भी घर में इसी बात को लेकर परेशान थीं लेकिन जो सुविधा और अपनापन श्री लाल
मुकेश मेहरा, मंडी
'जब मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो मैं घर से दूर था। मुझे और मेरे परिवार को सबसे अधिक चिता यही थी कि मेरा इलाज यहां सही ढंग से होगा या नहीं। दिल्ली में हालात पहले ही खराब थे। रोज कुछ न कुछ सुनने को मिलता था। वही बातें दिमाग में घूम रही थीं। पत्नी भी घर में इसी बात को लेकर परेशान थी, लेकिन जो सुविधा और अपनापन श्री लाल बहादुर शास्त्री नेरचौक मेडिकल कॉलेज के स्टाफ से मिला लगा ही नहीं कि घर से दूर हूं। आज ठीक होकर जा रहा हूं। सच में हिमाचल का दिल से आभार जताता हूं।'
यह कहना है कि दिल्ली के उस टैक्सी चालक का जो 10 मई को स्वारघाट में कोरोना संक्रमित पाया गया था। यह सवारियां छोड़ने मंडी आ रहा था और स्वारघाट के क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था, जहां उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 14 दिन के बाद ठीक होकर यह अपने घर लौटे।
इनका कहना है कि, 'मेरी पत्नी बहुत परेशान थी, लेकिन जब मैंने अस्पताल आने के बाद पहले दिन उनको फोन कर यहां के बारे में बताया तो उन्हें राहत मिली। हमें यहां रोज सुबह उठकर योग करने के बारे में बताया जाता। समय पर नाश्ता जिसमें ब्रेड अंडे चाय, दोपहर को हर रोज नई सब्जी, दाल और रात को भी पौष्टिक भोजन मिलता। डॉक्टर्स व नर्स समय-समय पर हमारा हाल पूछते। अस्पताल के अंदर आने के बाद एक बार नहीं लगा कि मुझे किसी खतरनाक वायरस ने जकड़ा है। ऐसा लगता हम मरीज नहीं, बल्कि मेहमान हैं। जब हमें जरूरत होती तो फोन करते तो स्टाफ तुरंत आ जाता। उनके द्वारा बताए गए हर निर्देश को हमने पूरा किया। बीच-बीच में हंसी मजाक भी होता। माहौल पूरा घर जैसा था। सच में हिमाचल अपनेपन के लिए जाना जाता है और इसका इससे बेहतर प्रमाण मेरे लिए अस्पताल में मिला सहयोग है। सच में अस्पताल स्टाफ व हिमाचल का धन्यवाद करूंगा, जिन्होंने आज नई जिदगी दी।