बिना वीरभद्र व सुखराम भी कांग्रेस ने जीता मंडी का रण
जागरण संवाददाता मंडी मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी पहली बार पूर्व मुख्यम
जागरण संवाददाता, मंडी : मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के बिना उतरी थी। दोनों नेताओं की गैरमौजूदगी में कांग्रेस मंडी का रण जीतने में पूरी तरह सफल रही है। प्रतिभा सिंह की जीत से कांग्रेसियों के चेहरे खिल गए हैं। पहले विधानसभा, फिर लोकसभा चुनाव में मिली हार से कांग्रेस पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं का मनोबल पूरी तरह से टूट चुका था। रही सही कसर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन ने पूरी कर दी थी। प्रतिभा सिंह को जिस मकसद के साथ कांग्रेस नेतृत्व ने मंडी के रण में उतारा था। उसमें पूरी तरह सफल रही है। कांग्रेस के पास यहां 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा को मिली भारी भरकम बढ़त कम करने की सबसे बड़ी चुनौती थी। एक साल बाद विधानसभा का चुनाव होना है। कांग्रेस अगर यहां कमजोर प्रत्याशी मैदान में उतारती तो शायद ऐसा नतीजा सामने नहीं होता।
उपचुनाव में कांग्रेस ने 17 से नौ हलकों में बढ़त बना 2022 के विधानसभा चुनाव की नींव अभी से रख दी है। मंडी जिले के जिन आठ हलकों में बढ़त मिली है उसमें सराज व जोगेंद्रनगर को छोड़ दिया जाए तो अन्य छह हलकों में मामूली बढ़त है। 2022 के चुनाव में उस बढ़त से पार पाने में कांग्रेस को बड़ी कसरत नहीं करनी होगी। सुखराम के गृह हलके से भाजपा को बढ़त
पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम व उनके पोते कांग्रेस महासचिव आश्रय शर्मा के गृह हलके सदर से भाजपा प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को 3246 मतों की बढ़त मिली है। भाजपा ने यहां तीन चुनाव से अपना दबदबा कायम रखा है। भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने यहां पार्टी का काम नहीं किया फिर पार्टी को वहां से कैसे बढ़त मिली, लोगों में यह चर्चा हो रही है।