सराज में बिखरने लगा कांग्रेस का कुनबा
मंडी जिले के सराज हलके में कांग्रेस का कुनबा बिखरने लगा है। विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता एक के बाद एक भाजपा का दामन थाम रहे हैं। सरोआ पंचायत में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में 1200 से अधिक लोगों के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस खेमे में हड़कंप मच गया है। लोकसभा चुनाव की बेला पर कार्यकर्ताओं को संभालना कांग्रेस पार्टी के लिए कड़ी चुनौती बन गया है। पार्टी को इस बिखराव का नतीजा लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने
हंसराज सैनी, मंडी
मंडी जिले के सराज हलके में कांग्रेस का कुनबा बिखरने लगा है। विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक पार्टी के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता भाजपा का दामन थाम रहे हैं। सरोआ पंचायत में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में 1200 से अधिक लोगों के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस खेमे में हड़कंप मच गया है। लोकसभा चुनाव की बेला पर कार्यकर्ताओं को संभालना कांग्रेस पार्टी के लिए कड़ी चुनौती बन गया है। पार्टी को इस बिखराव का नतीजा लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने से आम कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटने लगा है।
विधानसभा चुनाव के दौरान सराज पंचायत समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप ¨सह ठाकुर व सूरजमणि सहित कई पदाधिकारी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा की यह रणनीति भी कामयाब रही थी। विधानसभा चुनाव में इसका असर भी देखने को मिला था। बालीचौकी क्षेत्र में भाजपा अकसर पिछड़ती थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जयराम ठाकुर को बालीचौकी क्षेत्र की अधिकांश पंचायतों में रिकॉर्ड बढ़त मिली थी। नतीजतन कांग्रेस प्रत्याशी चेतराम ठाकुर को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। जयराम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भाजपा में शामिल होने की होड़ लगी हुई है। कुछ लोग शिमला जाकर तो कई सराज हलके में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। इससे भाजपा का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है। सराज हलका परिसीमन से पहले चच्योट के नाम से जाना जाता था। चच्योट टेरिटोरियल काउंसिल के पहले प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर कर्म ¨सह की कर्मभूमि रही है। इसके बाद पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस दिग्गज मोती राम का इस हलके में वर्चस्व रहा। 1992 तक यहां भाजपा की उपस्थिति नाममात्र थी। हालांकि भाजपा यहां हर विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारती थी, लेकिन वोट का आंकड़ा 1000 तक सिमट जाता था। 1993 में जयराम ठाकुर ने सराज हलके में कदम रखा। रात-दिन कड़ी मेहनत कर हर पंचायत में संगठन खड़ा किया, हालांकि पहले चुनाव में पराजय मिली। लेकिन सराज की वादियों में कमल का जो बीज बोया था। कांग्रेस उसकी काट अब तक नहीं ढूंढ पाई है। भाजपा का विजय अभियान 1998 से शुरू हुआ था जो इतने सालों से लगातार जारी है।
2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा ¨सह को जिला में एकमात्र सराज हलके से बढ़त मिली थी। 2019 के चुनाव में भाजपा अब कांग्रेस को पूरा जवाब देने की तैयारियों में लगी हुई है।
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कार्यकर्ताओं का पलायन रोकने के लिए शीघ्र बैठकों का दौर शुरू किया जाएगा। कुछ लोग स्वार्थसिद्धि के लिए पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
-चेतराम ठाकुर, मिल्क फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता।