साहब! भरपेट खाने के बदले मिलते हैं डंडे
बच्चों की व्यथा सुनकर भावुक हुईं आयोग की अध्यक्ष किरण धांटा, अब यहां से तल्याहड और भरनाल आश्रम भेजे नौ बच्चे।
मंडी, जेएनएन। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम बुधवार को अध्यक्ष किरण धांटा की अगुवाई में बाल गृह चैलचौक पहुंची। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में नौ बच्चों को तल्याहड व भरनाल आश्रम भेज दिया। इससे पहले बच्चों ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष को कहा उन्हें भरपेट खाने के बदले में डंडे मिलते हैं। कपड़े मांगने पर बेरहमी से पीटा जाता है। अगर जल्द यहां से शिफ्ट नहीं किया गया तो हमारी जान भी जा सकती है। बाल गृह चैलचौक में रहने वाले नौ बच्चों के यह शब्द सुनकर बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष भावुक हो गईं। उन्होंने कहा वह तभी यहां से शिमला वापस जाएंगी जब तक बच्चे शिफ्ट नहीं हो जाते। आदेश मिलने के तुरंत बाद पुलिस व बाल कल्याण समिति की देखरेख में छह बच्चों को बाल गृह तल्याहड व तीन को बाल गृह भरनाल शिफ्ट कर दिया गया।
दैनिक जागरण में बाल गृह चैलचौक में साहब! हमें नहीं रहना यहां, होती है मारपीट शीर्षक से समाचार प्रकाशित हुआ था। इसका संज्ञान लेते हुए बाल अधिकारी संरक्षण आयोग की अध्यक्ष किरण धांटा की अगुवाई में एक टीम बुधवार दोपहर बाद चैलचौक पहुंची। इसमें आयोग की सदस्य कुसुम वर्मा,
आशुतोष गुप्ता व डॉ. आरएल गुप्ता भी शामिल थे। बाल सरंक्षण अधिकारी मंडी व बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों को भी चैलचौक तलब किया गया था।
बाल गृह में कोई बच्चा नहीं मिला। टीम इसके बाद स्कूल पहुंची। वहां हर बच्चे से अलग-अलग बातचीत की गई। इसकी वीडियो रिकार्डिंग भी की गई। बच्चों ने बताया बाल गृह के संचालक उन्हें गालीगलौज करते हैं। समय पर खाना नहीं मिलता है।
भरपेट खाना व कपड़े मांगने पर डंडे से पिटाई की जाती है। यहां कोई भी बच्चा सुरक्षित नहीं है। मारपीट या भूख से उनकी जान जा सकती है। उन्हें दूसरे बाल गृह में शिफ्ट किया जाए। बच्चों के मुंह से यह शब्द सभी दंग रह गए। बाल गृह में जुवेनाइल जस्टिस अधिनियम के तहत बच्चों को मिलने वाली सुविधा कम पाई गई। बाल संरक्षण समिति ने शिव शक्ति चेरिटेबल ट्रस्ट चैलचौक के संचालक को खामियां दूर करने के
लिए समय दिया था। लेकिन संचालक ने कोई गौर नहीं किया। इस मौके पर बाल सरंक्षण अधिकारी मंडी डीआर नायक व बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दुनी चंद ठाकुर भी मौजूद थे।
अनाथालय नहीं बाल गृह
प्रदेश में अब कहीं भी अनाथालय का बोर्ड लटका नहीं मिलेगा। अनाथालय की जगह अब बाल गृह लिखना होगा। बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
बाल गृह चैलचौक में हर बच्चे से अलग-अलग बातचीत की गई। सभी ने संचालक पर गालीगलौज करने, मारपीट व भरपेट खाना न देने का आरोप लगाया। बच्चों की जान को खतरा देखते हुए उन्हें पुलिस व
बाल कल्याण समिति की देखरेख में तल्याहड व भरनाल बाल गृह शिफ्ट कर दिया है।
किरण धांटा, अध्यक्ष, बाल अधिकार संरक्षण आयोग