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अब नेरचौक में ठीक हो रहे सरवाइकल स्पाइन के मरीज

मुकेश मेहरा मंडी गर्दन से जुड़ी रीढ़ की हड्डी में चोट यानी सरवाइकल स्पाइन से पीड़ित म

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 11:59 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 11:59 PM (IST)
अब नेरचौक में ठीक हो रहे सरवाइकल स्पाइन के मरीज

मुकेश मेहरा, मंडी

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गर्दन से जुड़ी रीढ़ की हड्डी में चोट यानी सरवाइकल स्पाइन से पीड़ित मरीजों का इलाज नेरचौक मेडिकल कालेज में भी हो रहा है। आर्थो विभाग की टीम ने सरवाइकल स्पाइन सर्जरी आरंभ की है। चार मरीजों के आपरेशन किए गए हैं। इनमें 17 वर्षीय किशोर भी शामिल है।

सरवाइकल स्पाइन सर्जरी के लिए पहले मरीजों को आइजीएमसी शिमला, टांडा मेडिकल कालेज या पीजीआइ चंडीगढ़ जाना पड़ता था। आर्थो विभागाध्यक्ष डा. संदीप कालिया व उनकी टीम डा. अमित सलारिया, डा. लोकेश, डा. वीरेंद्र नेगी, डा. कुलदीप और डा. पुनीत कटोच ने नेरचौक मेडिकल कालेज में अब इसके आपरेशन आरंभ किए हैं। यहां रीढ़ की हड्डी में चोट के आपरेशन भी हो रहे हैं। अब सरवाइकल स्पाइन सर्जरी शुरू होने से मंडी, कुल्लू, लाहुल-स्पीति जिले के साथ बिलासपुर और हमीरपुर के कुछ क्षेत्रों के मरीजों को भी राहत मिलेगी है।

आर्थो विभागाध्यक्ष डा. संदीप कालिया ने बताया कि मेडिकल कालेज में सरवाइकल स्पाइन से पीड़ित 120 के करीब मरीज एक माह में आते हैं। इनमें 10 से 20 मरीजों को ही आपरेशन (सर्जरी) की जरूरत रहती है। केस स्टडी

यशवंत का हुआ सफल आपरेशन

सरकाघाट के अपर बरोट के रहने वाले 17 वर्षीय यशवंत को पेड़ से गिरने के कारण गर्दन की हड्डी में चोट लग गई। हाथ व पैरों ने काम करना बंद कर दिया। पिता मस्त राम जो स्वास्थ्य विभाग में ही कार्यरत हैं, बेटे को नेरचौक मेडिकल कालेज ले आए। यहां डाक्टरों ने आपरेशन का फैसला किया। 14 जनवरी को आपरेशन हुआ। यशंवत अब बातचीत कर रहा है। हाथ व पैरों की हलचल जो पहले कम थी वह भी अब अधिक हो रही है। हिमकेयर व आयुष्मान भारत योजना में निश्शुल्क उपचार

सरवाइल स्पाइन के आपरेशन पर 30,000 से एक लाख रुपये तक का खर्च आता है। यह मरीज की गर्दन में पड़ने वाली प्लेट और शिकंजे पर निर्भर करता है। अगर मरीज का हिमकेयर या आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा कार्ड बना हो तो पूरा इलाज निश्शुल्क होता है। मेडिकल कालेज में आर्थो विभाग की टीम सरवाइकल स्पाइन सर्जरी यानी गर्दन से जुड़ी रीढ़ की हड्डी में चोट के आपरेशन कर रही है। इससे लोगों को अब मंडी में ही बेहतर इलाज मिलेगा।

-डा. पीएल शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक नेरचौक मेडिकल कालेज।


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