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हिमाचल में बढ़ेगा बस किराया, न्यूनतम किराये पर नही बनी सहमति

हिमाचल सरकार बस किराये में प्रति किलोमीटर 19 पैसे से लेकर 31 पैसे तक की वृद्धि करेगी, हालांकि इस फैसले पर अंतिम मोहर 25 सितंबर को लगेगी।

By BabitaEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 08:53 AM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 08:53 AM (IST)
हिमाचल में बढ़ेगा बस किराया, न्यूनतम किराये पर नही बनी सहमति

मंडी, जेएनएन। प्रदेश में बसों में सफर करने वालों को जेब और ढीली करनी पड़ेगी। प्रदेश सरकार बस किराये में प्रति किलोमीटर19 पैसे से लेकर 31 पैसे तक की वृद्धि करेगी। किराया वृद्धि पर 25 सितंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में अंतिम मुहर लगेगी। हालांकि न्यूनतम बस किराया कितना होगा, इस पर सहमति नहीं बन पाई। इस पर भी कैबिनेट बैठक में निर्णय होगा।

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सुंदरनगर में बुधवार को परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के साथ हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर्स यूनियन के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में बस किराया बढ़ोतरी पर सहमति बन गई है। वर्तमान में मैदानी क्षेत्र में बस किराया 93 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से वसूला जा रहा है। इसे बढ़ाकर 1.12 रुपये किया जाएगा। पहाड़ी क्षेत्र में वर्तमान में 1.44 से बढ़ाकर 1.75 रुपये प्रति किलोमीटर किराया करने पर सहमति बनी है।

मंगलवार रात को मंडी में निजी बस ऑपरेटर्स की बैठक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से हुई थी। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद निजी बस ऑपरेटरों ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी थी। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने परिवहन मंत्री को निजी बस ऑपरेटरों के साथ बैठक कर समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद बुधवार को परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने निजी बस ऑपरेटरों के साथ पीडब्ल्यूडी के विश्रामगृह में बैठक की। उन्होंने बैठक में प्रदेशभर से आए ऑपरेटर यूनियन की बातें सुनी और उन्हें समस्याओं के समाधान को लेकर आश्वस्त किया। 

न्यूनतम किराया 12 रुपये हो 

प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी होने से निजी बस ऑपरेटर अपनी बसें खड़ी करने को मजबूर हैं। बस न चलाने से कम और चलाने से ज्यादा नुकसान ऑपरेटरों को उठाना पड़ रहा है। बस किराया पांच साल से नहीं बढ़ाया गया है। बस ऑपरेटर बैंक की किस्तें तक चुकाने में असमर्थ हैं। उन्होंने परिवहन मंत्री के समक्ष न्यूनतम किराया 12 रुपये करने की मांग उठाई। सरकार की ओर से बिना नोटिफिकेशन के चलाई जा रही मिनी बस में भी दस रुपये किराया वसूला जा रहा है। निजी बस ऑपरेटर सरकार के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं परंतु सरकार मांगें माने।

सेस व ग्रीन टैक्स वापस लें

उन्होंने मांग की कि सरकार द्वारा लगाए गए सेस और ग्रीन टैक्स को भी वापस लिया जाए। सात साल के बाद बस बदलने के निर्णय को बढ़ाकर 12 साल किया जाए, क्योंकि सात साल तो बस ऑपरेटर को बस का लोन चुकता करने में ही लग जाते हैं। ऑपरेटरों की छुट्टियों में बढ़ोतरी की मांग भी उठाई। बैठक में परिवहन सचिव जेसी शर्मा भी मौजूद थे।

प्रदेश अध्यक्ष के रोकने पर मंत्री को आया गुस्सा

बैठक में निजी बस यूनियनों की बात बारी-बारी सुनने के बाद जब परिवहन मंत्री अपनी बात रखने लगे तो बीच में निजी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष ने उन्हें रोक दिया। इस पर मंत्री को गुस्सा आया और बस किराये संबंधी बात रखने से इन्कार करने की बात कह डाली। बीच में यूनियन के पदाधिकारी किराये के बारे में बैठक में ही घोषणा करने पर अड़ गए।

सिरमौर जिले का पांवटा साहिब, सोलन जिले का नालागढ़, बद्दी और ऊना जिले का अधिकांश क्षेत्र बस किराये की दृष्टि से मैदानी क्षेत्र की श्रेणी में आता है। प्रदेश के अन्य इलाके पहाड़ी क्षेत्र में शामिल किए जाते हैं।

-रमेश कमल, प्रदेश महासचिव, निजी बस ऑपरेटर यूनियन


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