Mandi: सुंदरनगर में भालू का आतंक, दो लोगों को किया लहूलुहान; गंभीर हालत में आइजीएमसी शिमला रेफर
Mandi News धनयारा पंचायत क्षेत्र के दो व्यक्तियों सहित एक बच्चे पर भालू ने हमला कर दिया। भालू के हमले से बच्चा बाल-बाल बच गया। वहीं एक व्यक्ति को भालू ने बूरी तरह से नोच डाला जबकि दूसरे को कम खरोचें आई हैं।
मंडी / सुंदरनगर, जागरण संवाददाता: बीएसएल कालोनी थाना की निहरी पुलिस चौकी के तहत धनयारा पंचायत के खेचड़ू गांव के समीप के मंदिर में रखे पाठ के समापन पर जा रहे दो व्यक्तियों सहित एक बच्चे पर भालू ने हमला कर दिया।
भालू के हमले से बच्चा बाल-बाल बच गया। एक व्यक्ति को भालू ने बूरी तरह से नोच डाला, जबकि दूसरे को कम खरोचें आई हैं। ग्रामीणों ने दोनों घायलों को तुरंत सुन्नी अस्पताल पहुंचाया। जहां एक की बेहद गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे आइजीएमसी शिमला रेफर कर दिया।
प्रशासन से हुई बातचीत के बाद पंचायत ने गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को फौरी राहत के रूप में 25000 और दूसरे घायल को 10000 रूपये की सहायता राशि प्रदान की है। घायलों में खेचडू़ गांव के खेमराज पुत्र बृजलाल और मनोहर लाल पुत्र शोभा राम शामिल हैं।
भालू ने दो लोगों पर किया हमला
पंचायत प्रधान मीरा ने बताया कि खेचड़ू गांव के खेमराज और मनोहर लाल गांव के समीप भारती खमीर के मंदिर में रखे पाठ समापन अवसर पर कुछ सामान लेकर जा रहे थे। इस दौरान मनोहर लाल का 8 वर्षीय बेटा भी उनके साथ था। गांव से निकलने के थोड़ी देर बाद ही जंगल के रास्ते में घात लगाकर बैठे भालू ने दोनों पर हमला कर दिया।
भालू ने बुरी तरह किया घायल
इस दौरान भालू ने बच्चे को शिकार बनाने का प्रयास किया लेकिन मनोहर ने उसे पकड़ लिया। वहीं बच्चे को भालू से बचाने के लिए खेमराज उससे भिड़ गया। भालू ने खेमराज के चेहरे पर बूरी से प्रहार करते हुए उसके कान को नोच डाला और चेहरे पर भी दांतों से हमला करने के साथ बाजू और टांग को भी जगह-जगह से काट डाला। इसके बाद मनोहर पर भी हमला किया। दोनों के चीखने चिल्लाने की आवाजें सुनकर ग्रामीण उस और दौड़े चले आए शोर मचाकर भालू को वहां से भगाया।
पीड़ितों को राहत प्रदान की जाएगी
ग्रामीणों ने गंभीर रूप से घायल खेमराज को पालकी के माध्यम से करीब 12 किलोमीटर पैदल सफर के बाद सड़क मार्ग तक पहुंचाया। जहां उन्हें वाहन के माध्यम से सुन्नी अस्पताल ले जाया गया। एसडीएम गिरीश समरा ने बताया कि मामले की जानकारी वन विभाग को दी गई है। नियमों के तहत जो भी राहत होगी वह पीडि़तों को प्रदान की जाएगी।