धरातल पर नहीं उतरा मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट
सीएम जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा चार साल से धरातल पर नहीं उतर पाया है।
सुभाष आहलुवालिया, नेरचौक
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा चर्चाओं और विवादों में ही रह गया है। चार साल में केवल दो सर्वे ही हो पाए हैं। 2017 में मुख्यमंत्री पद ग्रहण करने के बाद बल्ह में बनने वाले प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को ड्रीम प्रोजेक्ट बताया था। इस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को लेकर धरातल पर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। नागचला से डिनक तक 3700 बीघा जमीन पर प्रस्तावित हवाई अड्डे का दो बार सर्वे हो चुका है। इसमें एक ओएलएस और एक रिडार शामिल है। यहां पर 3100 मीटर का रन-वे प्रस्तावित है, लेकिन उपजाऊ भूमि होने के कारण अब लोग इसके विरोध में आ गए हैं। मुख्यमंत्रत्री ने जल्द इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री से करवाने की बात कही, लेकिन जिस धीमी गति से काम चला है, यह सपना मात्र सपना ही नजर आ रहा है। न तो लोगों से मुआवजे संबंधित कोई बातचीत हुई है न ही जमीन के सही दाम तय हो पाए हैं। वहीं विभिन्न संघर्ष समिति लगातार इसके विरोध में प्रदर्शन कर रही है। विपक्ष भी इसे केवल हवा हवाई दावा ही करार दे रहा है।
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अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने को प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री ने जल्द ही इसका कार्य आरंभ करने की बात कही है। यहां की जनता को उनकी जमीनों का उचित मुआवजा दिया जाएगा।
इंद्र सिंह गांधी, विधायक बल्ह विधानसभा क्षेत्र।
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मुख्यमंत्री किसानों की कीमती जमीन को बर्बाद करके एयरपोर्ट बनाने की बात करते हैं। यह ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा ही नहीं हो पाएगा क्योंकि सरकार का कुछ ही समय बचा है। ओएलएक्स सर्वे में बड़ा एयरपोर्ट यहां पर बनाया ही नहीं जा सकता।
जोगिदर वालिया, अध्यक्ष बल्ह बचाओ संघर्ष समिति।
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अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने की घोषणा पर लोगों को उम्मीद जगी थी कि रोजगार के कई साधन यहां पर उपलब्ध होंगे, लेकिन पिछले 4 सालों में अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है।
हरदेव सिंह, निवासी कंसा चौक।
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चार सालों से सिर्फ बातें ही हुई हैं। कब इस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का काम शुरू होगा सरकार अपनी प्रक्रिया पूर्ण करे, ताकि लोगों को विश्वास हो कि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने वाला है।
नंदलाल सैनी, निवासी स्यांह बल्ह।
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अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सरकार को किसानों के बारे में सोचना होगा। किसानों को उचित मुआवजा देने के साथ विस्थापन की मार झेलने वालों के लिए सरकार चार से पांच विस्वा भूमि बल्ह में ही दे।
-जयपाल ,टावां बल्ह
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अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को लेकर सरकार की स्थिति साफ नहीं है। अपने डीम प्रोजेक्ट के नाम पर मुख्यमंत्री किसानों की बलि देने की कोशिश कर रहे हैं। हवाई अड्डा बनने से लोग विस्थापित होकर कहां जाएंगे यह साफ नहीं है।
-प्रकाश चौधरी, पूर्व मंत्री।