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वादों की फाइल में दब गई गैस एजेंसी

एजेंसी खोलने के मुद्दे को हर बार अनदेखा किया जाता रहा है। एक एजेंसी की मांग अभी तक कोई भी राजनीतिक दल खोल नहीं पाया है। गैस की किल्लत ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक रहती है। रसोई गैस उपभोक्ताओं को शहर से आने वाली गैस की गाड़ियों के इंतजार में आज भी दिन गुजारने को मजबूर होना पड़ रहा है। आम लोगों सहित पंचायत प्रतिनिधियों की और से सरकार प्रशासन और नेताओं से हजारों बार मांग करने पर इस दिशा की ओर कोई प्रभावशाली कदम नहीं उठाए गए हैं। गोहर की 37 पंचायतों में हजारों रसोई गैस उपभोक्ता है। इस उपभोक्ताओं के घरों तक रसोई गैस पहुंचाने के लिए जिला की दो गैस

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 07:30 AM (IST)
वादों की फाइल में दब गई गैस एजेंसी
वादों की फाइल में दब गई गैस एजेंसी

मृगेंद्र पाल, गोहर

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गोहर उपमंडल में वर्षों से एलपीजी गैस एजेंसी खोलने के मुद्दे को हर बार अनदेखा किया जाता रहा है। कोई भी राजनीतिक दल एजेंसी की मांग को पूरा नहीं कर पाया है। रसोई गैस की किल्लत ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक रहती है। उपभोक्ताओं को मंडी शहर से आने वाली गैस की गाड़ियों के इंतजार में आज भी दिन गुजारने को मजबूर होना पड़ रहा है। आम लोगों सहित पंचायत प्रतिनिधियों की ओर से सरकार, प्रशासन और नेताओं से कई बार मांग करने पर कोई कदम नहीं उठाया गया। गोहर की 37 पंचायतों में हजारों रसोई गैस उपभोक्ता हैं। जिला में दो गैस एजेंसियां हैं, लेकिन गैस सिलेंडर समय पर न मिलने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उपभोक्ता तीन दशक से गोहर या फिर चैलचौक में गैस एजेंसी को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं। विडंबना यह है कि केवल वोट के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं के झूठे आश्वासन ही मिलते रहे। सांसद गोहर में गैस एजेंसी खोलने की बात करते हैं, लेकिन दिल्ली जाते ही गैस एजेंसी फाइलों में दबकर रह जाती है। गैस एजेंसी न खुलने का मलाल लोगों के जहन में आज भी है। इस मांग पर जनप्रतिनिधियों ने स्थानीय प्रशासन के दफ्तर के बाहर अनशन भी किया। लेकिन आश्वासन देकर उठा दिया जाता रहा है। केंद्र सरकार की और से गृहणियों के उज्ज्वला रसोई गैस योजना के लाखों कनेक्शन और रसोई गैस सिलेंडर वितरित किए हैं, लेकिन एक एजेंसी खोलने के लिए प्रयास करने हिम्मत नहीं जुटाई गई। इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ हजारों लोगों का गुस्सा है।

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हमारी सरकार नाचन में गैस एजेंसी खोलने के लिए बचनबद्ध है। इस दिशा में प्रयास किए गए हैं। सरकार की और आए चैलचौक में गैस एजेंसी अलॉट हुई थी, लेकिन किसी कारणवश मामला हाइकोर्ट चला गया और अलॉटमेंट स्थगित हो गई। फिर भी नाचन के रसोई गैस उपभोक्ताओं को गैस एजेंसी उपलब्ध कराने के लिए काम किया जा रहा है।

-विनोद कुमार, विधायक नाचन क्षेत्र।

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नाचन में सरकार गैस एजेंसी खोलने में नाकाम रही है। विधायक से लेकर वर्तमान सांसद ने लोगों को गैस एजेंसी के नाम पर गुमराह कर वोट लिए हैं। केंद्र और प्रदेश में जीते हुए नुमाइंदों की सरकार है, लेकिन दोनों नुमाइंदे इस काम को पूरा करने में नाकाम साबित रहे हैं। जनता सब देख रही है, झूठ से पर्दा उठ चुका है। गैस सिलेंडर बांट दिए, लेकिन एजेंसी खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।

-लाल सिंह कौशल, कांग्रेस नेता नाचन।

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गोहर में गैस एजेंसी की मांग जायज है। लोगों को घर के पास एक एजेंसी की दरकार है। सरकार को इस दिशा में प्रभावशाली कदम उठाने की जरूरत है। एलपीजी गैस उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस लिहाज से कम से कम एक गैस एजेंसी सरकार को खोलनी चाहिए।

-ज्ञानचंद चौहान, प्रधान उपप्रधान संघ गोहर।

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सरकार और चुने हुए नेताओं ने गैस एजेंसी खोलने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। मंडी के सांसद ने केंद्र में जाकर नाचन के लोगों के हक की मांग नहीं रखी। विधायक भी इस काम को पूरा नहीं कर पाए। गोहर या फिर चैलचौक में एक एजेंसी खुलनी चाहिए ताकि लोगों को सुविधा उपलब्ध हो सके। नेता सिर्फ वोट लेते हैं काम नहीं करते।

-राकेश कुमार, चच्योट गोहर।

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रसोई गैस समय पर न मिलने से गृहणियों को तपती धूप में इंतजार करना पड़ता है। मंडी की एजेंसियों पर आश्रित होने की बजाय एक एजेंसी ग्रामीण क्षेत्र में भी होनी चाहिए। गैस सिलेंडर खत्म होने पर रसोई चलाने की चिता सबसे अधिक गृहणियों पर ही रहती है। इसलिए एक गैस एजेंसी नजदीक होनी आवश्यक है। सरकार को इस काम को आज तक प्राथमिकता से करना चाहिए।

-किरन कुमारी, गृहिणी चैलचौक।

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उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए सरकार को आवश्यक कदम उठाने चाहिए। गैस एजेंसी के मांग को आज तक पूरा न करना अच्छी बात नहीं है। दशकों से इस मांग को पूरा क्यों नहीं किया जा रहा एक मांग के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। वोट लेकर वादे पूरा न करने वाले को अगला मौका नहीं देना चाहिए। जो जनता की मांग पूरा न करें ऐसे नेता को जनता को सबक सिखाना चाहिए।

-हरिश्चंद्र, छपराहण गोहर।


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