8421 लोगों के लिए आयुष्मान बनी वरदान
फरेंद्र ठाकुर मंडी मेरे पति सेब की प्रूनिग करते हुए पेड़ से गिर गए। टांग की हड्डी
फरेंद्र ठाकुर, मंडी
मेरे पति सेब की प्रूनिग करते हुए पेड़ से गिर गए। टांग की हड्डी टूटी अस्पताल लाए तो 20 हजार रुपये तक ऑपरेशन का खर्च बताया। इतने पैसे एकदम कहां से लाते। मैं परेशान थी। डाक्टर ने पूछा, किसी स्वास्थ्य बीमा योजना का कार्ड बना है। मैंने आयुष्मान भारत योजना के कार्ड के बारे में बताया। अब उनका इलाज मुफ्त हो रहा है। यह कहना था कि सैंज की रेवा देवी का।
रेवा देवी के पति लाल चंद की टांग टूटने के बाद उनको मंडी रेफर किया गया था। यहां पर आयुष्मान कार्ड के जरिए उनको इलाज की हर सुविधा नि:शुल्क मिल रही है। 18 हजार रुपये ऑपरेशन पर खर्च हुए हैं तो दो हजार से अधिक दवाओं पर। इसी तरह जिला के 8421 लोग ऐसे हैं जिन्होंने आयुष्मान कार्ड से स्वास्थ्य लाभ लिया है। जिस पर दो साल में चार करोड़ 58 लाख 7 हजार 922 रुपये सरकार ने वहन किए हैं। जिले में एक लाख 81 हजार 808 लोगों ने आयुष्मान कार्ड बनवाए हैं, जिनसे कुल परिवार 75098 शामिल हैं।
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पांच लाख तक मुफ्त है इलाज
जोनल अस्पताल मंडी में कार्ड धारकों को एंट्री करवाने के बाद इलाज की सुविधा पांच लाख रुपये तक नियम के अनुसार नि:शुल्क मिलती है। इसके अलावा किसी बड़े ऑपरेशन या डायलसिस आदि के लिए भी विशेष पैकेज का प्रावधान रखा है। क्षेत्रीय अस्पताल के स्तर तक यह पैकेज 25 से 30 हजार रुपये तक जाते हैं। डाक्टर इस पैकेज को कोड के अनुसार लिखकर देता है।
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हिमकेयर में 4.36 करोड़ रुपये खर्च
मंडी जिले में 70135 लोगों ने हिमकेयर के कार्ड बनवाए हैं। इनमें से 11018 लोगों ने उपचार करवाया है। जिस पर चार करोड़ 36 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें अधिकतर ऑपरेशन हुए हैं। जिले में लोगों को आयुष्मान की तरह ही हिमकेयर का लाभ जोनल अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में मिल रहा है।
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जिले में आयुष्मान व हिमकेयर योजनाओं के कारण गरीब लोगों को इलाज में मदद मिल रही है। अब तक दोनों योजनाओं में आठ करोड़ से अधिक खर्च कर 19 हजार से अधिक लोगों को लाभ मिला है।
-डा. दिनेश, जिला स्वास्थ्य अधिकारी।