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ट्रेड यूनियनों ने किया लेबर वेज कोड बिल का विरोध

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर सीटू के बैनर तले शुक्रवार को मंडी शहर में विरोध रैली का आयोजन किया गया। इसमें भवन एवं सड़क निर्माण यूनियन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन रेहड़ी फड़ी एचपीएमआर यूनियन ने भाग लिया। केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में बदलाव

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 04:31 PM (IST)Updated: Sat, 03 Aug 2019 06:37 AM (IST)
ट्रेड यूनियनों ने किया लेबर वेज कोड बिल का विरोध

जागरण संवाददाता, मंडी : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर सीटू के बैनर तले शुक्रवार को मंडी शहर में भवन एवं सड़क निर्माण यूनियन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन, रेहड़ी फड़ी, एचपीएमआर यूनियन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने विरोध रैली निकाली। केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में बदलाव करके मजदूर विरोधी कानून बनाने पर रोष जताया।

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सीटू के जिला सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि आजादी से पहले और बाद लगातार संघर्षो से जिन कानूनों को मजदूरों ने हासिल किया था केंद्र की मोदी सरकार कॉरपोरेट परस्त नीतियों के चलते उन कानूनों को खत्म करके नया कानून लेबर वेज कोड बिल-2019 व्यावसायिक, स्वास्थ्य, सुरक्षा, कामकाजी स्थिति को पास करने जा रही है। इससे काम के समय का निर्धारण, वेतन का निर्धारण, बोनस का भुगतान यह सारे कानून खत्म कर दिए जाएंगे। इन को लागू करने का अधिकार केवल मैनेजमेंट को होगा। इससे मजदूरों का शोषण और तेजी से होगा। देश के मजदूर को फिर से दास प्रथा की ओर धकेलने का प्रयास किया जा रहा है। इसकी इजाजत मजदूर आंदोलन कभी नहीं देगा। प्रदेश सरकार को डेढ़ साल हो गया, मगर आज तक श्रमिक कल्याण बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त नहीं कर पाई है। इससे मनरेगा में काम करने वाले मजदूर और निर्माण में काम करने वाले मजदूर श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाले लाभ हासिल नहीं कर पा रहे हैं। कई बार यूनियनों ने राज्य सरकार को इसके बारे में अवगत करवाया, मगर सरकार जानबूझकर मजदूरों के हकों को रोक रही है।

सीटू ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर चेयरमैन की नियुक्ति तत्काल करने व श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा कामगारों को दी जाने वाली वाशिग मशीन को पुन: बहाल करने की मांग की। लाभार्थियों को दिए जाने वाला समान जिला कल्याण अधिकारी अथवा श्रम अधिकारी द्वारा बांटा जाए। दो माह के अंदर सभी क्लेम के लाभ दिए जाएं। निर्माण सामग्री स्टील सीमेंट रंगरोगन रेत-बजरी की कीमतों को तुरंत रोका जाए। मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी 250 रुपये प्रतिदिन की जाए।

रैली को एचपीएमआर यूनियन के राज्य सचिव जगदीश ठाकुर आंगनबाड़ी की सुमित्रा, सीटू के जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने भी संबोधित किया। किसान नेता कुशाल भारद्वाज ने यह चेताया है हाल ही में एनडीए को चुनावों में जो बहुमत मिला है। उसका मतलब यह नहीं कि सरकार मजदूर और किसान विरोधी कानून बनाए और अपनी मनमर्जी थोपे।


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