Move to Jagran APP

हिज्ब उत तहरीर संगठन से जुड़े हैं आबिद के तार

ह‍िमाचल प्रदेश में एनआइए द्वारा पकड़ा गया आइएसआइएस समर्थक आबिद खान नए कट्टरपंथी संगठन हिज्ब उत तहरीर को देश के कई राज्यों में तैयार करने का कार्य कर रहा था।

By Munish DixitEdited By: Published: Sat, 24 Dec 2016 10:34 AM (IST)Updated: Sat, 24 Dec 2016 10:45 AM (IST)
हिज्ब उत तहरीर संगठन से जुड़े हैं आबिद के तार

मंडी [जेएनएन] : कुल्लू जिले के बंजार में एक चर्च से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) द्वारा पकड़ा गया आइएसआइएस समर्थक आबिद खान नए कट्टरपंथी संगठन हिज्ब उत तहरीर को देश के कई राज्यों में तैयार करने का कार्य कर रहा था। यह संगठन तख्ता पलटने में माहिर बताया जाता है। यह संगठन आतंक फैलाने के लिए नए सदस्यों को जोडने का काम कर रहा था। इस संगठन पर देश में अभी तक प्रतिबंध नहीं है। संगठन के देश भर में 10 हजार से अधिक सक्रिय सदस्य बताए जा रहे हैं।

loksabha election banner

पढ़ें: आतंकी आबिद ने माना आइएसआइएस के आकाओ से करता था बात

जांच में आबिद खान आइएसआइएस में शामिल होने का कबूलनामा पहले ही कर चुका है। इस खुलासे के बाद जांच एजेंसियों में हड़कंप मचा हुआ है। आबिद चर्च से हिज्ब उत तहरीर संगठन की गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। इसके पुख्ता प्रमाण भी जांच एजेंसियों के हाथ लग चुके हैं। केंद्र सरकार अब इस संगठन पर जल्द प्रतिबंध लगा सकती है। आबिद खान युवाओं को इस संगठन से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहा था। इसके लिए आबिद ने बंजार के सिधवां में एक कमरा किराये पर लिया था। वहां एक स्थानीय क्रिश्चियन पास्टर की ओर से चलाए जा रहे कथित चर्च में वह पॉल बनकर उसका संचालन करने लगा था।

पढ़ें: नोटबंदी न होती तो सीरिया भाग जाता आबिद

यहां आने से पहले आबिद खान अपना धर्म परिवर्तन कर श्रीलंका से पादरी की शिक्षा ले चुका है। बेंगलूरू के एक प्रसिद्ध चर्च से उसे कुल्लू के मौहल में प्रचार के लिए भेजा गया था। मौहल में उसे अपनी गतिविधियों को अंजाम देने में परेशानी हो रही थी। वह बंजार में पहले से धर्म पर्वितन कर चुके कुछ दलित परिवारों को अपने साथ जोड़कर चर्च चलाने लगा। इसके लिए उसने मकान के बाहर स्थानीय पास्टर कमलेश के साथ विलीवर्ज चर्च का बोर्ड भी टांग दिया ताकि किसी की उसकी संदिग्ध गतिविधियों की भनक न लगे। कुछ दलित युवकों को इस स्थानीय पास्टर के सहयोग से अपने कमरे में बुलाकर उन्हें अपने जाल में फंसाना शुरू कर दिया था।

पढ़ें: पुलिसवाले के घर में था आबिद का ठिकाना

एक स्थानीय युवक के नाम से जियो सिम लेकर वह इंटरनेट का प्रयोग करता था। इससे वह कई आतंकी संगठनों व आइएसआइएस समर्थकों के संपर्क में रहता था। इसी बीच उसे उत्तर प्रदेश की जेल में सजा काट रहे एक आरएसएस नेता को जान से मारने की सुपारी मिली थी। आबिद पैसे का जुगाड़ कर किसी भी तरह विदेश भागने की फिराक में था। आबिद सोशल मीडिया पर भी देश विरोधी कई फेसबुक पेज का चला रहा था। उसकी आबिद खान व पॉल के नाम से अलग-अलग आइडी हैं। हिज्ब उत तहरीर संगठन कई पड़ोसी देशों में सक्रिय बताया जा रहा है। कुल्लू के एसपी पदम चंद का कहना है कि मामले की जांच कर रही है। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। पुलिस व अन्य एजेंसियां हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच कर रही हैं।

हिमाचल प्रदेश की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें:


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.