सीवरेज की चपेट में राष्ट्रीय धरोहर बारसेला
जागरण संवाददाता मंडी अपने आप में ऐतिहासिक महत्व को समेटे राष्ट्रीय धरोहर बारसेला के
जागरण संवाददाता, मंडी : अपने आप में ऐतिहासिक महत्व को समेटे राष्ट्रीय धरोहर बारसेला के स्तंभों का अस्तित्व खतरे में है। सीवरेज की गंदगी ऐतिहासिक धरोहर के अंदर पहुंच रही है। इस कारण छोटे स्तंभ इसकी चपेट में आए हैं। स्तंभों पर काई जम गई है। साथ ही दीवार टूटने के कारण गंदगी अंदर पहुंच रही है।
पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाली राष्ट्रीय धरोहर में करीब 100 प्राचीन स्तंभ हैं जो राजाओं के स्मृति प्रतीक हैं। यह सन 1661 ईश्वी से 1838 ईश्वी के मध्य के हैं। इस कारण इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है। आदेश के अनुसार इसके 100 मीटर के दायरे में अतिक्रमण या निर्माण कार्य बाधित है लेकिन यह चारों और से से भवनों से घिरा है और कई कार्य भी जारी हैं। चारों और भवन होने के कारण सीवरेज गंदगी या नालियों का पानी इसके दीवार से बारसेला के अंदर प्रवेश कर रहा है। पुरातत्व विभाग इस मामले में केंद्रीय पुरातत्व विभाग के आदेश का इंतजार कर रहा है। हालांकि विभाग के अधिकारी कहते हैं कि नगर निगम को इस बारे बताया गया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
राष्ट्रीय धरोहर को किसी तरह का भी नुकसान पहुंचाने पर एक लाख जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। ऐसे में सीवरेज लीकेज होने पर यह जुर्माना आस पड़ोस के रहने वाले लोगों पर होगा या किसी अन्य पर यह भी बड़ा सवाल बन गया है।
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राजा अशोक सेन का स्तंभ किया भी किया स्थापित
गत माह स्वर्गवासी हुए मंडी के राजा अशोक सेन का स्तंभ भी बारसेला में स्थापित कर दिया गया है। इसको स्थानीय मूर्तिकारों से बनवाया गया है।
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मेरे ध्यान में किसी ने यह बात नहीं लाई है, लेकिन अगर बारसेला में सीवरेज या नाली की गंदगी जा रही है तो इसे ठीक किया जाएगा।
-राजीव कुमार, आयुक्त नगर निगम मंडी।
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बारसेला में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। सीवरेज की समस्या को ठीक करने के लिए मामला केंद्रीय विभाग को भेजा गया है। अनुमति आने के बाद ही आगामी कार्रवाई होगी।
-सीए लक्ष्मण, संरक्षक सहायक पुरातत्व विभाग मंडी।