Move to Jagran APP

गेहूं की फसल झुलसी, शुरू नहीं हुआ टमाटर की पौध लगाने का काम

जागरण संवाददाता मंडी रबी फसल के लिए इस बार उपयुक्त मौसम न बनने से नुकसान की संभावना बढ़

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 09:03 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 09:03 PM (IST)
गेहूं की फसल झुलसी, शुरू नहीं हुआ टमाटर की पौध लगाने का काम
गेहूं की फसल झुलसी, शुरू नहीं हुआ टमाटर की पौध लगाने का काम

जागरण संवाददाता, मंडी : रबी फसल के लिए इस बार उपयुक्त मौसम न बनने से नुकसान की संभावना बढ़ गई है। मैदानी भागों में सूखे से गेहूं व मटर की फसल झुलसनी शुरू हो गई है। पहाड़ी क्षेत्रों में अभी तक बिजाई नहीं हो पाई है। बल्ह घाटी में टमाटर की पौध लगाने का काम शुरू नहीं हो पाया है। किसान व बागवान बारिश के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। कई दिन से आसमान में बादल अवश्य उमड़े हैं, लेकिन बरसे नहीं है। इससे किसानों व बागवानों की उम्मीद की डोर टूटने लगी है।

loksabha election banner

बारिश के लिए किसान आराध्य देव कमरूनाग व अन्य देवी-देवताओं के दर पर हाजिरी लगा रहे हैं। पूजा-अर्चना की जा रही है, मगर निराशा ही हाथ लगी है। तापमान बढ़ने से चिलिग आवर्स पूरे न होने से सेब पर संकट गहरा गया है। फसलों पर विपरीत असर पड़ने से उत्पादकता में 25 से 35 प्रतिशत तक गिरावट आने की संभावना प्रबल हो गई है। रबी फसल के लिए अधिकतम 18 डिग्री व न्यूनतम तापमान 0 से 5 डिग्री तक अनुकूल माना जाता है। इससे पौधों में तेजी से फुटाव होता है। लंबाई में भी अच्छी बढ़ोतरी होती है, लेकिन रबी फसल के इस सीजन में फरवरी बीत चुका है, सात-आठ दिन को छोड़कर कोहरा न सर्दी पड़ी है। पिछले सप्ताह से तो दिन के तापमान में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

जिले में करीब 19000 हेक्टेयर में सेब का उत्पादन होता है। सेब की अच्छी सेटिग के लिए करीब 1500 चिलिग आवर्स आवश्यक हैं। टमाटर की पनीरी पौध का आकार ले चुकी है। सप्ताहभर में पौध लगाने का काम शुरू होने वाला है, बारिश न होने से खेत सूखे हैं। खेतों में नमी नहीं है। किसान सिंचाई करने पर विवश हो गए हैं, इससे उनका काम ओर बढ़ गया है। बल्ह घाटी में करीब 1000 हेक्टेयर भूमि में टमाटर की पैदावार होती है। बरसात तक यहां का टमाटर पूरे उत्तर भारत की मांग पूरा करता है। सूखे से प्राकृतिक जलस्रोत सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। जिले के कई क्षेत्रों में समय से पूर्व पेयजल संकट गहराना शुरू हो गया है।

------------

बारिश न होने से गेहूं की फसल झुलसना शुरु हो गई है। मवेशियों के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है। टमाटर की पौध लगाने का काम भी शुरु नहीं हो पाया है।

-हरि सिंह, किसान बल्ह घाटी।

------------

सेब की अच्छी सेटिग के लिए कम से कम 1500 चिलिग आवर्स आवश्यक है। चिलिंग आवर्स अभी 60 फीसद पूरे हुए हैं। अगर तापमान में ऐसे ही बढ़ोतरी होती रही तो सेब की फसल के लिए संकट पैदा हो सकता है।

-अशोक धीमान, उपनिदेशक बागवानी मंडी।

-----------

सूखे से रबी फसल को अभी आंशिक नुकसान हुआ है। अगर मौसम ऐसा ही रहा तो फसलों की उत्पादकता पर इसका विपरीत असर पड़ेगा।

-कुलदीप वर्मा, उपनिदेशक कृषि मंडी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.