5000 स्वयंसेवी बचाएंगे वन
संवाद सहयोगी मंडी बारिश कम होने की वजह से वन विभाग को इस साल फायर सीजन में आग लगने क
संवाद सहयोगी, मंडी : बारिश कम होने की वजह से वन विभाग को इस साल फायर सीजन में आग लगने की अधिक घटनाओं की आशंका है। मंडी जिले में वन संपदा को आग से बचाने के लिए इस बार एक हजार अतिरिक्त वन स्वयंसेवी (फॉरेस्ट वालंटियर) तैनात किए जाएंगे। फायर सीजन में कुल पांच हजार फोरेस्ट वालंटियर इस बार वन संपदा को बचाने में जुटेंगे। इसके अलावा साझा वन विकास समितियों के सदस्य, पंचायत प्रतिनिधि, महिला मंडल व युवा मंडलों के सदस्यों के साथ वन विभाग का फील्ड स्टाफ भी चौबीस घंटे तैनात रहेगा। 15 अप्रैल से 15 जून तक फायर सीजन के दौरान वन विभाग के कर्मचारियों को विशेष परिस्थितियों में ही अवकाश मिल सकेगा।
मंडी जिले में करीब 300 वन बीट हैं। इनमें से 120 बीट आग लगने के मामले में संवेदनशील हैं। अधिकतर संवेदनशील बीट मंडी, जोगेंद्रनगर, सुकेत, करसोग, सुंदरनगर, द्रंग तथा जोगेंद्रनगर क्षेत्र की इसमें शामिल है। चीड़ के पेड़ों की अधिकता के कारण इसमें आग लगने के अधिक मामले सामने आते है। चीड़ की पत्तियां आग में घी डालने का कार्य करती हैं। हालांकि वन विभाग ने वनों को बचाने के लिए फायर वाचर तैनात कर रखे हैं। चीड़ की पत्तियों को हटाने का भी कार्य किया जा रहा है, ताकि आग लग जाए तो तेजी से आगे नहीं बढ़ सके। घासणियों को आग लगाने से पहले वन विभाग से अनुमति लेना आवश्यक कर दिया है। वन बीट व रेंज स्तर पर वन विभाग आग से बचाव के लिए कारगर कदम उठा रहा है। जंगलों में आग लगने का मुख्य कारण लोगों की लापरवाही है। कुछ लोग बीड़ी सिगरेट पीकर जलती हुई रास्तों में फेंक जाते हैं और वह आग लगने का मुख्य कारण रहता है। कुछ शरारती तत्व भी जंगलों को आग के हवाले कर देते हैं। इस उम्मीद में की आग लगने के बाद घास अधिक आता है।
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वन विभाग ने वालंटियर तैयार किए है। फॉरेस्ट सर्वे आफ इंडिया से अलर्ट आने पर संबंधित क्षेत्र के वालंटियर आग बुझाने में वन विभाग के कर्मचारियों का सहयोग करेंगे। एडवायजरी भी जारी की जा रही है। कंट्रोल रूम 24 घंटे खुला रहेगा। आग लगने पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने के लिए वाहनों की भी सुविधा रहेगी।
-एसके मुसाफिर, वन अरण्यपाल मंडी।
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जिले में किस साल, कितनी हुई आग लगने की घटनाएं
साल,मामले,क्षेत्र (हेक्टेयर में),नुकसान
2015,138,457,297000
2016,93,354,93500
2017,268,130,2812700
2018,141,566.85,768445
2019,480,3338.9,9695023
2020,315,1310.555,2624394
2021,104,257.23,327890