एचआरटीसी पर दोहरी मार, कमाई बंद, बसों की बैटरियां डिस्चार्ज
एचआरटीसी प्रबंधन को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन के चलते कमाई पर पूर्ण विराम लग गया है वहीं बसों की बैटरियां डिस्चार्ज होने का खतरा भी मंडरा गया है। इससे एचआरटीसी प्रबंधन की दिक्कतें बढ़ गई हैं। प्रबंधन ने बैटरी बचाओ मुहिम शुरू कर दी है। नजदीकी क्षेत्रों के चालकों को हर तीसरे दिन घर से बुलाकर बसें थोड़ी देर के लिए स्टार्ट करवाई जा रही ताकि बैटरियां डिस्चार्ज होने से बच सके।
जागरण संवाददाता, मंडी : हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) प्रबंधन को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। कर्फ्यू के कारण कमाई पर पूर्ण विराम लग गया है। वहीं, बसों की बैटरियां डिस्चार्ज होने का खतरा भी मंडरा गया है। इससे एचआरटीसी प्रबंधन की दिक्कतें बढ़ गई हैं। प्रबंधन ने बैटरी बचाओ मुहिम शुरू कर दी है।
नजदीकी क्षेत्रों के चालकों को हर तीसरे दिन घर से बुलाकर बसें थोड़ी देर के लिए स्टार्ट करवाई जा रही हैं ताकि बैटरियां डिस्चार्ज होने से बच सकें। कई बसें तो स्टार्ट हो गई मगर जिन बसों की बैटरियां डिस्चार्ज हो गई हैं, अब उन्हें धक्का मार कर स्टार्ट किया जाएगा या फिर उनकी बैटरी बदलनी होगी। जो बसें स्टार्ट नहीं हो रही हैं, उन्हें फिलहाल धक्का मार कर स्टार्ट करना भी संभव नहीं है क्योंकि अधिकांश बसें 23 मार्च से जिले के बस स्टैंडों व वर्कशॉप में खड़ी हैं। करीब 20 बसें ग्रामीण क्षेत्रों में फंसी हुई हैं। वहां चालकों को उनकी देखभाल करनी पड़ रही है। मंडी जिले के मंडी, सुंदरनगर, करसोग, सरकाघाट, धर्मपुर व जोगेंद्रनगर में बस डिपो हैं। करीब 450 बसों का बेड़ा है। हर बस में दो-दो बैटरी होती हैं। एक बैटरी की कीमत 15 से 20 हजार रुपये के बीच है।
वाहनों में अल्टरनेटर होता है। अल्टरनेटर मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदलता है। इसी इलेक्ट्रिकल एनर्जी से बैटरी चार्ज होती रहती है। इलेक्ट्रिकल एनर्जी वाहन स्टार्ट होने की हालत में ही मिलती हैं। बैटरी में एसिड के अलावा पानी का मिश्रण होता है। अब ड्राई बैटरी भी प्रचलन में हैं। वाहन खड़े रहने से बैटरी के एसिड का आपेक्षिक घनत्व या फिर ड्राई बैटरी का सेल खराब होना शुरू हो जाता है। इससे पुरानी बैटरी जल्द डिस्चार्ज होती है।
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बसें कई दिनों से खड़ी हैं। बैटरी डिस्चार्ज न हो, इसके लिए सभी डिपो के आरएम को हर तीसरे दिन बसों को स्टार्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
एएन सलारिया, मंडलीय प्रबंधक, एचआरटीसी मंडी