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नोटा ने मुश्किल की भाजपा की जीत की राह

मुकेश मेहरा मंडी संसदीय उपचुनाव में ईवीएम में नोटा यानी नन आफ द अवव का आप्शन भाजपा की

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Nov 2021 11:07 PM (IST)Updated: Tue, 02 Nov 2021 11:07 PM (IST)
नोटा ने मुश्किल की भाजपा की जीत की राह

मुकेश मेहरा, मंडी

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संसदीय उपचुनाव में ईवीएम में नोटा यानी नन आफ द अवव का आप्शन भाजपा की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बन गया। 12,661 लोगों ने नोटा का प्रयोग कर नाराजगी दिखाई। कांग्रेस प्रत्याशी 7490 मतों से जीतीं, जबकि अकेले मंडी जिले में ही 8195 लोगों ने नोटा दबाया। संसदीय क्षेत्र में नोटा दबाने वालों की की प्रतिशतता 1.7 रही। पहले यह प्रतिशतता 0.87 थी। देवी भूमि क्षत्रिय संगठन एवं सवर्ण मोर्चा और हिमाचल प्रदेश सामान्य वर्ग संयुक्त मोर्चा ने सवर्ण आयोग का गठन न करने पर उपचुनाव में नोटा दबाने का एलान किया था।

संसदीय क्षेत्र में 70 प्रतिशत आबादी सामान्य वर्ग की है। ऐसे में आह्वान का असर दिखा है। 12,661 लोगों ने द्वारा नोटा का प्रयोग सरकार को एक चेतावनी की तरह है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए मंडी के नौ हलको में 8195, कुल्लू के चार हलकों में 2514,, भरमौर में 379, लाहुल स्पीति में 120, रामपुर किन्नौर में 518 लोगों ने नोटा दबाया। मंडी में नाचन में 1959 मतदाताओं ने और बल्ह में 1647 मतदाता नोटा दबाया है, जबकि इन दोनों हलकों से विस चुनावों में सबसे अधिक समर्थन सरकार को मिला था। इसके अलावा मंडी सदर में 925, जोगेद्रनगर में 807, द्रंग में 572, सरकारघाट में 565, करसोग में 463 और सराज में 374 मतदाताओं ने नोटा दबाकर नाराजगी जाहिर की। इसी तरह कुल्लू जिले में मनाली में 476, कुल्लू में 993, बंजार में 513, आनी में 352 यानी 2514 मतदाताओं ने नोटा दबाया, जबकि भरमौर में 379, लाहुल स्पीति में 120 और रामपुर किन्नौर में 518 ने इसका प्रयोग किया है। मंडी हलके में आठ हजार से अधिक लोगों द्वारा नोटा का प्रयोग करके यह बात जाहिर कर दी थी कि जमीनी स्तर पर कार्य न होने से नाराज हैं। वहीं सामान्य वर्ग से जुड़े लोगों ने भी उनकी लगातार हो रही अनदेखी पर सरकार को दी चेतावनी के अनुरूप ही कार्य किया है। पोस्टल बैलेट में भी 35 ने नोटा पर मुहर लगाई थी। सवर्ण समाज ने नोटा का प्रयोग कर अपनी ताकत को दिखाया है। अगर सरकार नहीं जागती है तो विधानसभा चुनाव में भी यह विरोध जारी रहेगा।

-रुपेश कुमार, अध्यक्ष देव भूमि क्षतित्र संगठन एवं सवर्ण मोर्चा मंडी सदर।


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