Move to Jagran APP

दुकानों का किराया कम करने की रिपोर्ट डीसी को सौंपी

By Edited By: Published: Tue, 02 Sep 2014 01:08 AM (IST)Updated: Tue, 02 Sep 2014 01:08 AM (IST)
दुकानों का किराया कम करने की रिपोर्ट डीसी को सौंपी

जागरण संवाददाता, मंडी : खुली बोली के माध्यम से आवंटित की गई सात दुकानों का किराया कम करने के मामले में नगर परिषद मंडी ने जाच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी दी। मंडी बचाओ संघर्ष मोर्चा की शिकायत पर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी एवं तहसीलदार सदर अजय पराशर की ओर से दुकानों का किराया कम करने के मामले की जाच की गई। जाच में पाया गया कि पुलिस चौकी के सामने, खलियार, अस्पताल रोड पर बनी सात सरकारी दुकानों को वर्ष 1992 में खुली बोली से आवंटित की गई लेकिन वर्ष 1999 में तत्कालीन नगर परिषद प्रशासक ने दो दुकानों का किराया गरीबी के आधार पर इकरारनामा कर कम किया। जबकि अस्पताल रोड की चार दुकानों का किराया बिना इकरारनामा के तहत कम किया गया। नगर परिषद की ओर से भी इस बारे में प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव को शहरी विकास निदेशक ने वर्ष 2010 में निरस्त किया और जिन दुकानों का किराया कम किया गया। उसे कम करने की तारीख से बकाया राशि वसूलने के आदेश दिए थे। नीलामी के बाद सात दुकानों का किराया कम करने पर अंडर सेक्रेटरी ने भी नगर परिषद मंडी को नोटिस जारी किया था लेकिन चार साल बाद भी नगर परिषद की ओर से बकाया राशि वसूली के लिए नोटिस जारी ही किए जा रहे है।

loksabha election banner

जाच रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस चौकी के सामने दो दुकानें बोली पर 1750 व 2525 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से इकरानामे के तहत आवंटन हुआ। जिसका मासिक किराया घटाकर 500 रुपये किया गया। खलियार में बनी एक दुकान का मासिक किराया बिना एग्रीमेंट के 775 प्रतिमाह से घटा कर 680 कर दिया। अस्पताल रोड पर चार का किराया कम किया गया, जिसमें एक ही दुकान का एग्रीमेंट हुआ है। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अजय पराशर ने दुकानों का किराया कम करने की जाच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है।

उधर, मंडी बचाओ संघर्ष मोरचा के अध्यक्ष लक्ष्मेंद्र गुलेरिया का कहना है कि बिना एग्रीमेंट किए बगैर नगर परिषद मनमर्जी से किराया वसूल रही है। सरकार के वरिष्ट अधिकारियों के आदेशों के बाद भी नगर परिषद चार साल बाद मात्र किराया वसूली नोटिस दिए जाने की गोलमोल जाच रिपोर्ट दे रही है। खुली बोली के बाद भी दुकानों का किराया कम करने से नगर परिषद को नुकसान हुआ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.