आसान नहीं डगर, संभल कर करें सफर
रोहतांग दर्रे पर वाहन चलाना चुनौती से कम नहीं, हवा के साथ सड़क पर आ रही बर्फ।
मनाली, जेएनएन। अगर आप रोहतांग दर्रे पर सफर कर रहे तो जरा संभल कर चले। 13050 फुट ऊंचे रोहतांग दर्रे को बीआरओ ने बर्फ हटाकर बहाल तो कर दिया है। लेकिन राहगीरों की डगर आसान नहीं है। मढ़ी से लेकर ग्रांफू तक करीब 30 किमी का सफर जोखिम से भरा है। इस बीच चालक का ध्यान हटते ही वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।
हालांकि लाहुल घाटी को 12 महीने सड़क से जोड़े रहने को रोहतांग सुरंग लगभग तैयार है। लेकिन कार्य के दखल का हवाला देकर बीआरओ ऐसी जैसी खतरनाक स्थिति में भी लाहुल के लोगों को जाने की अनुमति नहीं दे रहा है। रोहतांग दर्रे में रात को पारा माइनस में जा रहा है, इस कारण सड़क पर पड़ी बर्फ ठोस बन जा रही है। हालांकि धूप लगने के बाद सड़क की हालत सुधर रही है। लेकिन जहां धूप की किरण नहीं पहुंच रही वहां जोखिम अधिक दिख रहा है।
शुक्रवार को भी लाहुल से मनाली आ रहा वाहन स्किड होकर लुढ़क गया, जिससे दो युवक घायल हो गए। लाहुल निवासी जगदीश, सुरेंद्र और बलबीर ने बताया बर्फबारी के बाद लाहुल में आपात स्थिति जैसे हालात हो गए है। रोहतांग में सफर सुरक्षित नहीं रह गया है। ऐसे में बीआरओ को रोहतांग सुरंग एक-दो दिन के लिए खोल देनी चाहिए, ताकि आपात स्थिति में लोग आर पार हो सकें। उनका कहना है कि बीआरओ में सड़क को तो बहाल कर लिया है। लेकिन बर्फीली हवाएं बर्फ सड़क पर डालकर राहगीरों की दिक्कत को बढ़ा रही है। बहरहाल, रोहतांग दर्रे में सड़क पर जम रही बर्फ खतरनाक साबित हो रही है। राहगीर संभलकर सफर करें, ताकि दुर्घटना न हो।