कुल्लू में पर्यटकों की मौत के बाद भी जारी है ये खेल, पुलिस और प्रशासन का नहीं कोई डर
कुल्लू में पर्यटकों की मौत के बाद भी पैराग्लाइडिंग अभी भी जारी है गड़सा वैली में भी नियमों को धत्ता बताकर पैराग्लाइडर उड़ाए जा रहे हैं।
कुल्लू, राम चौहान। अगस्त के पहले सप्ताह में पैराग्लाइडिंग के दौरान पर्यटक की मौत के बाद भी पैराग्लाइडिंग बदस्तूर जारी है। हालांकि बरसात में इस पर पूरी तरह से बैन रहता है, लेकिन इसके बावजूद नियम दरकिनार कर गड़सा वैली में उड़ानें बदस्तूर जारी हैं। 15 सितंबर तक पैराग्लाइडिंग पर प्रतिबंध रहता है, लेकिन कुछ पैराग्लाइडर मनमर्जी के मुताबिक उड़ान भरते हैं। इसी का नतीजा रहा है कि अगस्त के आरंभ में एक टूरिस्ट की मौत पैराग्लाइडिंग के दौरान हुई और पायलट घायल हो गया था। इसके बाद प्रशासन ने बेशक सख्ती दिखाई, लेकिन गड़सा वैली में प्रशासन की यह सख्ती नजर नहीं आ रही है।
हैरानी की बात तो यह है कि इस बारे में पहले पुलिस को सूचित भी किया गया था और पुलिस कर्मचारियों द्वारा मौके पर जाकर उड़ान भरने वालों को ऐसा न करने की बात कही गई। ऐसा लग रहा है कि पायलटों या इसके मालिकों को पुलिस और प्रशासन का कोई डर ही नहीं है। पूर्व में हुई दुर्घटना में भी पायलट पंजीकृत नहीं था और बिना नियमों के ही पैराग्लाइडिंग हो रही थी। ऐसे में अब गड़सा वैली में भी नियमों को धत्ता बताकर उड़ाए जा रहे पैराग्लाइडर कहीं किसी की भी जान आफत में डाल सकते हैं। हालांकि इस पर लगाम कसने के लिए पूर्व में मुख्य सचिव ने भी अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी दिशानिर्देश दिए थे, लेकिन चंद पैसों के लिए पैराग्लाइडर अन्य लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं। जिला में पांच-छह ऐसे स्थान चिन्हित है जहां पर पैराग्लाइडिंग हो सकती हैं।
बिना नियम पूरे किए बन रहे लाइसेंस
हैरानी की बात तो यह है कि कुल्लू में कई पैराग्लाइडर पायलट बिना नियम पूरे किए पैराग्लाइडिंग कर रहे हैं। हालांकि विभाग समय-समय पर निरीक्षण का दावा करता है, लेकिन इसके बावजूद हादसों का सिलसिला नहीं थम रहा है। दैनिक जागरण ने भी पूर्व में किस तरह से नियमों के विपरीत यहां लाइसेंस बनाए जा रहे हैं, की जानकारी दी थी।
अगर गड़सा में प्रतिबंध के दौरान भी उड़ान हो रही है तो इस पर कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन को इस बारे में अवगत करवा एक्शन लिया जाएगा।
-बीसी नेगी, जिला पर्यटन अधिकारी।