बड़ी गहरी हैं यहां जाति की दीवारें, अनुसूचित जाति के परिचालक से वसूले दस हजार रुपये
caste discrimination in Kullu Himachal Pradesh. कुल्लू के एक गांव में जातिगत भेदभाव के चलते रात में विश्राम कर रहे अनुसूचित जाति के परिचालक को पकड़ कर उससे दस हजार रुपये जुर्माना वसूला गया।
कुल्लू , जेएनएन। हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में आज भी कई गांव जातिगत भेदभाव से बाहर नहीं निकल पाए हैं। यहां पर दैवीय शक्तियों का नाम लेकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। ऐसा मामला कुल्लू की लगघाटी के खनिपांदे गांव में सामने आया है। उपायुक्त कुल्लू ने मामले की मजिस्ट्रेट जांच की बात कही है।
जानकारी के मुताबिक बीते बुधवार को हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालक-परिचालक शाम को लगघाटी के खनिपांदे गांव में रूट पर गए और रात को वहीं रुके। उनके लिए ग्रामीणों ने यहां ठहरने के लिए एक कमरा दिया है। प्रतिदिन चालक-परिचालक रात को यहीं विश्राम करते हैं। बुधवार को भी अनुसूचित जाति का परिचालक यहां ठहरा था। जैसे ही ग्रामीणों को इसका पता चला तो उन्होंने परिचालक को पकड़ लिया और कहा कि देवता नाराज हो जाएगा अब तो मकान को शुद्व करना पड़ेगा। लोगों ने परिचालक से दस हजार रुपये वसूल किए। इसके बाद परिचालक बस में आ गया और रात बस में ही काटी।
अगले दिन चालक-परिचालक ने इसकी शिकायत कुल्लू में परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक से की और शिकायत पत्र उपायुक्त कुल्लू को भेजा। इस पत्र की प्रतिलिपि प्रबंध निदेशक शिमला, मंडलीय प्रबंधक परिवहन निगम मंडी को भी भेजी गई है। इससे पूर्व ही यह पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया।
मेरे ध्यान में मामला आया है। एचआरटीसी कर्मियों ने खनिपांदे में जातीय भेदभाव की बात कही है। इस मामले को लेकर उपायुक्त से मांग की है कि परिवहन निगम कर्मियों के रात्रि ठहराव की व्यवस्था की जाए।
-देवेंद्र नारंग, क्षेत्रीय प्रबंधक, एचआरटीसी कुल्लू ।
मैंने सोशल मीडिया में वायरल हुए पत्र के आधार पर उसी समय मामले को गंभीरता से लेते हुए पंचायत के प्रधान व सचिवों को निर्देश जारी कर दिए हैं। अगर पंचायत में कोई भी सरकारी भवन है या तो वहां रुकें या पंचायत घर में रुकने को जगह दी जाए। जल्द ही मामले की मजिस्ट्रेट जांच होगी।
-यूनुस, उपायुक्त कुल्लू