स्पीति में बर्फानी तेंदुए उम्मीदों को दे रहे ऊंचाई
लाहुल स्पीति जिला के स्पीती घाटी की शान कहे जाने वाले दुर्लभ बर्फीले तेंदुए ग्रामीणों द्वारा कैमरे में कैद हुए है।
जागरण संवाददाता, केलंग : वन विभाग के प्रयास और ग्रामीणों की जागरूकता से जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति में स्नो लेपर्ड (बर्फानी तेंदुआ) की मौजूदगी वन्य प्राणी प्रेमियों को राहत दे रही है। जिले की स्पीति घाटी में घूमते बर्फानी तेंदुए का वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर खूब देखे जा रहे हैं। किसी ग्रामीण ने यह वीडियो सोशल मीडिया में डाला है।
अति दुर्लभ इस वन्य प्राणी को ट्रैप करने के लिए स्पीति घाटी में वन विभाग ने भी कैमरे लगाए थे। करीब 35 बर्फानी तेंदुए कैमरे में कैद हुए हैं। स्पीति के लागजा, हिक्किम, कॉमिक, डेमूल व आसपास के क्षेत्रों में बर्फानी तेंदुओं की मौजूदगी दर्ज की गई है। वन विभाग इनकी सुरक्षा व रिसर्च पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है तो स्थानीय लोग भी इनकी सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। स्पीति घाटी में आइबेक्स व ब्लूशिप जैसे शाकाहारी जंगली जानवरों की तादाद बढ़ी है, जो बर्फानी तेंदुए का भोजन हैं। घाटी में अब आसानी से बर्फानी तेंदुए को शिकार रहा है। कोलकाता से घाटी आए वन्य प्राणी प्रेमी अतुल दा, अमित मन्ना और अंशुमन दुबे का कहना है कि स्पीति में बर्फानी तेंदुए की संख्या बढ़ना सुखद है। इनका दावा है कि इन्होंने भी इस वन्य प्राणी को घाटी में देखा है।
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आइबेक्स व ब्लूशिप के शिकार पर धार्मिक प्रतिबंध
जनजातीय सलाहकार समिति के सदस्य पलजोर बौद्ध ने बताया कि घाटी में आइबेक्स व ब्लूशिप जैसे जंगली जानवरों के शिकार पर ग्रामीणों ने धार्मिक तौर पर भी प्रतिबंध लगा रखा है। कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय ने बताया कि प्रदेश सरकार वन्य प्राणियों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दे रही है। वन्य प्राणी विग स्पीति के रेंज ऑफिसर देवेंद्र चौहान ने बताया कि विभाग दुर्लभ वन्य प्राणियों के संरक्षण में बेहतर काम कर रहा है। वहीं काजा के एडीएम ज्ञान सागर नेगी ने ग्रामीणों से आग्रह किया है कि वन्य प्राणियों को तंग न करें और अपनी सुरक्षा का भी ध्यान रखें।