मयाड़ घाटी के पोलिग बूथ की राह नहीं आसान
मयाड़ घाटी में उदयपुर से 32 किमी दूर खंजर पोलिग बूथ तक सड़क बहाल करने में विभाग को कम से कम एक माह का समय लग सकता है। हालांकि विभाग ने दावा किया है कि 10 मई तक छालिग तक सड़क बहाल कर दिया जाएगा। मयाड़ घाटी में दो पंचायत
जागरण संवाददाता, मनाली : मयाड़ घाटी में उदयपुर से 32 किलोमीटर दूर खंजर पोलिग बूथ तक सड़क बहाल करने में लोक निर्माण विभाग को कम से कम एक महीना लग सकता है। हालांकि विभाग का दावा है कि 10 मई तक छालिग तक सड़क बहाल कर दी जाएगी।
मयाड़ घाटी में दो पंचायत के अंतर्गत लगभग 25 गांव है। यहां मतदाताओं की संख्या दो हजार के करीब हैं। अभी तक मयाड़ घाटी का एक भी पोलिग बूथ सड़क से जुड़ नहीं पाया है। इस संपर्क मार्ग पर 20 से 25 स्थानों में हिमखंड गिरे हैं। इनकी ऊंचाई 25 से 40 फुट तक है। फिलहाल लोक निर्माण विभाग की मशीनें मयाड़ के पहले गांव शकोली से सटे नाले में हिमखंड को हटाने में जुटी हैं। हालांकि कुछ मशीनों को ग्लेशियर के ऊपर से ले जाकर आगे रवाना कर दिया गया है।
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता केडी कश्यप ने बताया कि शकोली नाला तक पहुंचने से पहले विभाग को पांच ग्लेशियर हटाने पड़े। शकोली नाले में गिरा हिमखंड 600 मीटर हिस्से में फैला है, जिसकी ऊंचाई 30 से 40 फुट तक है। विभाग ने यहां पर दो डोजर तैनात किए हैं। दुर्भाग्यवश एक डोजर बीते शाम खराब हो गया है, जिसे ठीक किया जा रहा है।
मयाड़ सड़क पर पिछले 20 साल से काम कर रहे डोजर ऑपरेटर नरेंद्र ने बताया कि उन्होंने अपनी जिदगी में पहली बात इतनी ज्यादा बर्फ देखी है। बीते शाम फील्ड कर्मी जैसे ही काम समेट कर उदयपुर लौट रहे थे पहाड़ी से अचानक चट्टान खिसक आई। इस हादसे में वह बाल-बाल बचे। एक अन्य ऑपरेटर मेहर सिंह ने बताया कि मयाड़ जैसे दुर्गम इलाके में बर्फ हटाना आसान नहीं है। बर्फ हटाते समय हिमखंड और चट्टान खिसकने का खतरा लगातार बना रहता है।
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता केडी कश्यप ने बताया कि शकोली नाला से आगे भिगीं नाला, तमलु, करप्ट, चन्गुट और टिगरेट नालों में बड़े बड़े हिमखंड गिरे हैं, जिन्हें हटाने में अभी वक्त लग सकता है। फिलहाल 19 मई को मतदान से पहले मयाड़ के अतिम पोलिग बूथ खंजर को सड़क से जोड़ना विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है।