मंत्रोच्चारण से गूंज उठे ब्यास के तट, देव ध्वनि से मुखर हुआ पर्यावरण संरक्षण का संदेश
हरिद्वार व वाराणसी की तरह अब कुल्लू के नेचर पार्क में भी नए साल के आगाज पर ब्यास की महाआरती से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।
कुल्लू, जेएनएन। मौहल का नेचर पार्क। ब्यास तट पर 151 पंडितों का मंत्रोच्चारण और 21 कलशों की पूजा अर्चना। 50 से अधिक बजंतरियों की देव ध्वनि का नाद। हर तरफ जय जयकार। महर्षि ब्यास व विपाशा से गुहार, प्राकृतिक आपदा से करें बचाव। हजारों लोगों ने लिया ब्यास को निर्मल रखने का संकल्प। मौका था ब्यास की महाआरती का।
हरिद्वार व वाराणसी में होने वाली मां गंगा की महाआरती की तर्ज पर कुल्लू जिला के मौहल स्थित नेचर पार्क में भी मंगलवार को नए साल के आगाज पर ब्यास की महाआरती से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। कुल्लू जिला प्रशासन ने देवी-देवता पुजारी संघ, कारदार संघ, बजंतरी संघ व कई अन्य संगठनों की मदद से महाआरती का आयोजन किया।
महाआरती में भाग लेने के लिए दोपहर बाद से ही नेचर पार्क में लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी। शाम पांच बजे तक पार्क में तिल धरने को जगह नहीं रही। पूरे स्थल को 10 खंडों में बांटा गया था। प्रशासन ने महाआरती के लिए लोगों को दीये व अन्य पूजा सामग्री उपलब्ध करवाई। वन एवं परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर कार्यक्रम के मुख्यातिथि थे।
सूर्यास्त होते ही महाआरती की प्रक्रिया शुरू हुई। कलश पूजा के बाद ब्यास की आरती उतारी गई। कुल्लू देव परंपरा को जिंदा रखने व युवा पीढ़ी को इससे जोड़े रखने के लिए प्रशासन की यह बड़ी पहल मानी जा रही है। इससे पर्यटकों को लुभाने का भी प्रयास किया है।
ब्यास नदी की उत्तरी भारत में हरित व औद्योगिकी क्रांति लाने में अहम भूमिका रही है। कंकरीट के ढांचों, अवैध खनन व डंपिंग से ब्यास के तट सिकुड़ते जा रहे हैं। मानसून में ब्यास का रौद्र रूप हर साल क्षेत्र में तबाही मचा रहा है। इस प्रकोप से बचने के लिए पूजा-अर्चना की गई। इस मौके पर वन मंत्री गोविंद ठाकुर व एचपीएमसी के उपाध्यक्ष राम सिंह व उपायुक्त कुल्लू यूनुस खान ने ब्यास की आरती उतारी व आमजन के कल्याण की मनोकामना की।
हजारों लोग एक साथ गाएंगे वंदेमातरम
मनाली के माल रोड पर विंटर कार्निवाल के शुभारंभ पर हजारों लोग एक साथ वंदेमातरम् गाएंगे। इससे लोगों में देशभक्ति का जोश भरा जाएगा। वनमंत्री गोविंद ठाकुर ने महाआरती के सफल आयोजन के लिए प्रशासन को बधाई दी। महाआरती का अब निरंतर आयोजन होता रहेगा। आस्था है कि क्षेत्र की जनता को महर्षि ब्यास प्राकृतिक आपदाओं से निजात दिलाएंगे। बकौल, गोविंद ठाकुर केंद्र सरकार ने ब्यास के तटीकरण के लिए 585 करोड़ की राशि जारी की है। जल्द तटीकरण का काम शुरू होगा।