कुल्लू में सब्जी उत्पादन बढ़ा रहा किसानों की आय
नकदी फसलों के जरिए कुल्लू के किसान आर्थिकी मजबूत कर रहे हैं।
जागरण संवाददता, कुल्लू : नकदी फसलों के जरिए कुल्लू के किसान आर्थिकी मजबूत कर रहे हैं। यही कारण है कि 25 साल पहले जो सब्जी उत्पादन क्षेत्र 300 हेक्टेयर था अब वो बढ़कर 7000 हेक्टेयर हो गया है। प्रतिवर्ष जिला में एक लाख 25 हजार टन औसतन सब्जी उत्पादन होता है। इसमें कुल्ल, मनाली, बंजार, आनी, निरमंड क्षेत्र शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के बजौरा स्थित केंद्र के मुताबिक जिला में फूल व बंद गोभी सहित, टमाटर, मटर, लहसुन सहित नकदी फसलों की सीजन के अनुसार खेती कर रहे हैं। नकदी फसलों से होने वाली अधिक आमदनी से किसानों का रुझान इस ओर अधिक हुआ है। उपकरणों पर सबसिडी सहित अन्य कारणों से भी इसके प्रति किसान अधिक आकर्षित हुए हैं। यही कारण प्रति वर्ष यहां से एक लाख 25 हजार टन औसतन सब्जी का उत्पादन करके प्रदेश सहित देश के अन्य हिस्सों में भी सप्लाई की जाती है।
कुल्लू उपमंडल में लगघाटी के भल्याणी, भूटठी, शालंग, बडाग्रा, शांघन,भूमतीर, कैलहली, खराहल, मणिकर्ण, शंगचन, पीणी, छोयल, गदौरी, हुरला थ्रास, रूआड़ू, मनाली उपमंडल के हरीपुर, सरसेई,कटाराई, नगर, काईस, आनी उपमंडल के बरोट, बैहना, अर्सी, निरमंड, निगाण व बंजार उपमंडल के हुरीधार, पलाहच, कणौण,तरगाड़ी, बठाहड़, गुशैणी आदि क्षेत्रों में सब्जी उत्पादन बड़े पैमाने पर हो रहा है। इसमें 1200 हेक्टेयर में लहसुन ही पैदा किया जाता है। यहां का लहसुन अन्य क्षेत्रों से अधिक बेहतर होता है। यह 25 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। एक हेक्टेयर से किसान एक से दो लाख रुपये तक लहसुन से ही कमा रहे हैं।
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जिला में पिछले 25 वर्षो में सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है। पहले जहां 300 हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन होता था अब वह बढ़कर 7000 हेक्टेयर पहुंच गया है। किसानों को समय-समय पर सब्जियों को बीमारियों से बचाव के अलावा सरकार की योजनाओं का लाभ भी केंद्र की ओर से दिया जाता है।
डॉ. केसी शर्मा, समन्वयक कृषि विज्ञान केंद्र बजौरा।